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UP: 300 बक्से से लाखों की कमाई, मधुमक्खियां कैसे कर रहीं मालामाल? मिलिए इन किसानों से

UP: 300 बक्से से लाखों की कमाई, मधुमक्खियां कैसे कर रहीं मालामाल? मिलिए इन किसानों से

मधुमक्खी पालन

उत्तर प्रदेश के औरैया में मधुमक्खी पालन का प्रचलन किसानों में बढ़ता जा रहा है. मधुमक्खी पालन कर किसान घर बैठे ही अच्छी कमाई कर रहे हैं. वहीं औरैया के रहने वाले किसान दूसरे लोगों को भी मधुमक्खी पालन करने का तरीका सिखा रहे हैं. साथ ही मधुमक्खी का पालन कर रहे किसान लगभग 300 बॉक्स से 8 से 10 लाख रुपए की सालाना कमाई कर रहे हैं.

औरैया जिले के औरैया कन्नौज रोड़ पर स्थित 100 शैय्या जिला अस्पताल के पास किसान राजकुमार आर्य लगभग 10 सालों से मधुमक्खी का पालन कर रहे हैं. इसके साथ ही वह कुछ किसानों को मधुमक्खी पालन करने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं. किसान राजकुमार आर्य ने बताया कि दुनिया भर में शहद की खूब डिमांड रहती है. शहद को कई तरह की औषधियों में इस्तेमाल किया जाता है. मधुमक्खी पालन कम लागत में मोटी कमाई देने वाला बिजनेस बना हुआ है. किसानों को मधुमक्खी का पालन कर अच्छा मुनाफा होता है.

मौसम पर है शहद का उत्पादन

मोर पालन कर रहे राजकुमार आर्य ने बताया कि वह लगभग 10 सालों से यह काम कर रहे हैं और वह शहद उत्पादन का काम करते हैं. शहद उत्पादन के लिए ट्रेनिंग लेनी पड़ती है. 6 महीने या साल भर इसके लिए साथ रहना होगा और साथ ही सीखना होगा. एक पेटी में कोई गिन नहीं सकता कि कितनी मक्खियां आती हैं. मौसम के ऊपर बात है कि उत्पादन कैसा होगा. अगर मौसम अच्छा होगा तो शहद अच्छा निकलेगा. अगर मौसम खराब हो गया तो शहद कम निकलेगा. एक पेटी में लगभग 10 किलो शहद निकलता है.

एक-दो संभाल सकते हैं सिस्टम

जिलाधिकारी इंद्रमणि त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि शासन की प्राथमिकता है, जो कृषि कल्चर से रिकल्चर और मोर पालन के अलग-अलग मत्स्य पालन, बकरी पालन और नंद बाबा योजना इसी का एक हिस्सा है. मधुमक्खी पालन के लिए हम लोग आम लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिसमें खर्चा भी कम होता है और मैन पावर भी कम लगती है. एक या दो आदमी ही इस पूरे सिस्टम को चलाते हैं. वर्तमान में हमारे यहां सरसों का क्षेत्रफल ज्यादा होता है.

छोटे एरिया में बन जाता है काम

लोग सरसों या लाही ज्यादा बोते हैं. उनके जरिए पराग काफी ज्यादा मात्रा में मिल जाता है और काफी अच्छा शहद लोग पैदा कर रहे हैं. इसके लिए अलग-अलग रोड्स पर नौजवान हैं, जो पुराने हैं और काम कर रहे हैं. उन लोगों ने भी यह काम शुरू किया है. इसमें सिर्फ छोटा सा एरिया या खेत चाहिए होता है, जहां मधुमक्खी के डिब्बे रखे जाते हैं और वो उस एरिया में होते हैं, जहां सरसों के या ऐसे फूल ज्यादा होते हैं, जहां से आसानी से पराग लेकर शहद बना सके.



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