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Hathras: नरबलि वाले स्कूल का वो डरावना सच, जहां दी गई 11 साल के कृतार्थ की ‘कुर्बानी’

Hathras: नरबलि वाले स्कूल का वो डरावना सच, जहां दी गई 11 साल के कृतार्थ की 'कुर्बानी'

हाथरस स्कूल में काले जादू का खेल

उत्तर प्रदेश का हाथरस अपनी हींग के लिए दुनिया में जाना जाता है… इसे हींग का भी शहर कहते हैं, जिसके लिए सुर्खियों में रहना, इस शहर की असली पहचान होनी चाहिए… शायद है भी… लेकिन आजकल ये शहर जिन बातों को लेकर चर्चा में है वो कोई अच्छी बात नहीं है. शहर के एक स्कूल में एक मासूम को केवल इसलिए मार दिया गया क्योंकि स्कूल के संचालक का ये मानना था कि ऐसा करके उसका स्कूल और अच्छे से चलने लगेगा… कोई सोच भी सकता है कि कैसे एक स्कूल के संचालक ने उसी स्कूल के मासूम को मार डाला ताकी वो स्कूल तरक्की करे. सोच के भी शरीर में सिहरन पैदा हो जाती है कि जिस स्कूल में इंसान अपने बच्चों को इसलिए भेजता है कि वो अच्छे इंसान बनेंगे और महफूज रहेंगे, उसी स्कूल में इस तरह के दरिंदे रहते हैं जो बच्चों को केवल ‘बलि का बकरा’ समझते हैं.

बीते दिनों खबर आई थी कि हाथरस में एक ग्यारह साल के मासूम कृतार्थ की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई है. बच्चे के पिता ने कहा कि उनके पास फोन आया कि उनके बच्चे को बुखार है और उसकी हालत खराब है. जब परिजन बच्चे के स्कूल के हॉस्टल गए तो स्कूल और हॉस्टल का संचालक वहां से गायब मिला. वहां बच्चा भी नहीं था. आरोपी संचालक बच्चे को लेकर मौके से फरार हो गया था. मामला सहपऊ कोतवाली क्षेत्र के रासगवां गांव का है. यहां डीएल पब्लिक आवासीय स्कूल स्थित है. स्कूल में 11 साल का छात्र कृतार्थ कुशवाहा क्लास 2 में पढ़ता था, जो कि तुरसेन का रहने वाला था. जांच में ये बात सामने आई थी कि कृतार्थ की हत्या कर दी गई है. बच्चे का शव स्कूल प्रबंधक की कार से बरामद हुआ था जिसके बाद हड़कंप मच गया था.

पुलिस के हत्थे चढ़े पांच आरोपी

बच्चे के परिजनों ने स्कूल प्रबंधक पर आरोप लगाया था कि उसने बच्चे की हत्या की और फिर काफी देर तक उनको टहलाता रहा. आरोपी ने पुलिस को भी चकमा देने की कोशिश की लेकिन आखिरकार वो पकड़ा गया और उसकी गाड़ी से बच्चे का शव भी बरामद हुआ जिसके बाद मामला और भी ज्यादा गंभीर होता गया. इस हत्याकांड से पूरे इलाके में खलबली सी मच गई थी. पुलिस को अब इस केस में बड़ी कामयाबी मिली है. हत्याकांड में शामिल स्कूल प्रबंधक समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसी के साथ मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए, जिससे पुलिस वालों के भी रोंगटे खड़े हो गए. मामले में सामने आया कि स्कूल प्रबंधक के पिता ने ही यह सब करवाया था, वो भी सिर्फ इसलिए ताकि उनका स्कूल और तरक्की कर सके.

आरोपियों का खौफनाक कबूलनामा

इसके बाद आरोपियों ने जो बात कबूल की वो तो और भी डरावनी थी. आरोपियों ने बताया कि उनकी तो एक और छात्र की बलि देने की भी योजना थी. लेकिन उसमें वो लोग फेल हो गए. उस बच्चे की किस्मत अच्छी थी कि उसकी जान बच गई. यानी एक और बच्चा इन हैवानों के हत्थे चढ़ सकता था, लेकिन वो बच गया… मगर कृतार्थ नहीं बच सका. 23 सितंबर को कृतार्थ के पिता कृष्ण कुमार ने इस बारे में स्कूल प्रबंधक के साथ कुछ और लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. पुलिस अधिकारी ने फिर उनकी गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे. पुलिस ने अब जब नामजद पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है तब जाकर पता चला कि स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल के पिता जशोधन सिंह ने स्कूल की तरक्की के लिए बच्चे की बलि देने का प्लान तैयार किया था. उनको दो बच्चों की बलि देनी थी, जिसमें से एक की बलि देने में वो कामयाब भी रहे थे.

एक और बच्चे को बनाया था निशाना

पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा तो उन्होंने अपने खौफनाक मंसूबों की कहानी बताया ऐसे शुरू किया जैसे ये सब कुछ उनके लिए कितनी साधारण सी बात हो. पूछताछ में उन्होंने बताया कि इससे पहले भी वो एक बच्चे की बलि देने की कोशिश कर चुके थे. उसका नाम राज है, जो चौथी कक्षा का छात्र है. राज को इन लोगों ने 6 सितंबर के दिन मारने की कोशिश की थी. लेकिन जब उन लोगों ने राज का गला घोंटना शुरू किया तो वो जोर से चिल्लाने लगा. फिर किसी तरह जान बचाकर वो वहां से भाग खड़ा हुआ. राज का मेडिकल करवाया गया था, जिसमें पता चला था कि उसका गला दबाने की कोशिश हुई थी. जांच में स्कूल के पीछे लगाए गए नल कूप से पूजा पाठ का सामान भी मिला था, जिस से पुष्टि हुई की यहां तंत्र-मंत्र किया जा रहा था. इस केस की अभी जांच चल ही रही थी कि तभी 22 सितंबर को आरोपियों ने कृतार्थ को अपना निशाना बना लिया. बच्चे का गला दबाकर उसे मार डाला गया.

हत्या का कारण लालच

पुलिस ने जिन पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है वो सभी अलग-अलग शहरों के रहने वाले हैं. दिनेश बघेल और जशोधन सिंह रसगवां गांव थाना सहपऊ जनपद हाथरस के रहने वाले हैं. वहीं लक्ष्मण सिंह पुत्र राधेश्याम बढा, लहरोली घाट थाना बल्देव जनपद मथुरा के रहने वाले हैं और वीरपाल सिंह उर्फ वीरू पुत्र रधुवीर सिंह गांव बंका थाना मुरसान हाथरस के रहने वाले हैं. पुलिस इस मामले में आगामी कार्रवाई कर रही है. आरोपियों ने इस बात को कबूल लिया है कि तंत्र-मंत्र के चलते ही बच्चे की बलि दी गई थी. वहीं जब से ये बात सामने आई है तब से कृतार्थ के पिता को और ज्यादा सदमा लग गया है. पहले मासूम की मौत और फिर उस हत्या का कारण लालच… ये जानकर बच्चे के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. बच्चे की मां ये सोचकर-सोचकर बेसुध हुई जाती है कि काश उन्होंने बच्चे को अपने पास ही रोक लिया होता जब वो आखिरी बार घर आया था, कम से कम उनके कलेजे का टुकड़ा सलामत तो रहता. पिता का कलेजा ये सोचकर फट रहा है कि क्या उनके बच्चे का गला दबाते वक्त उन दरिंदों के हाथ नहीं कांपे होंगे.

थम नहीं रहे माता-पिता के आंसू

बच्चे के पिता कृष्ण ने मामले में रोते-रोते कहा कि हम अपने बच्चों को स्कूल ये सोचकर भेजते हैं कि वहां पर वो सुरक्षित रहेगा, अच्छे से पढ़ाई करेगा और अपना भविष्य बनाएगा. लेकिन शिक्षा का वही मंदिर तंत्र-मंत्र और काले जादू की वजह से यमलोक बन जाए तो ये बड़ी ही चिंता की बात है. मेरे बेटे कृतार्थ का गुनाह सिर्फ इतना ही था कि वो एक ऐसे स्कूल में पढ़ रहा था जिसे चलाने वाले इंसानों की सोच किसी जानवर से कम नहीं थी. इंसानी भाषा में जो काम और जिस लालच से ये लोग ये काम कर रहे थे ये वजह सामने आने के बाद शायद इन लोगों को जानवर तक भी कहना जानवरों का अपमान है. इन दरिंदों ने स्कूल और शिक्षा की प्रणाली का ऐसा माखौल उड़ाया है कि अब हर एक माता-पिता अपने मासूम को स्कूल भेजने से खौफ खाएगा.

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