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INDIA गठबंधन से क्यों अलग हुए? RLD नेता जयंत चौधरी बोले अभी नहीं, बाद में करूंगा खुलासा | RLD Chief Jayant singh India alliance NDA bharat ratna chaudhary charan singh farmers protest elections 2024

INDIA गठबंधन से क्यों अलग हुए? RLD नेता जयंत चौधरी बोले- अभी नहीं, बाद में करूंगा खुलासा

आरएलडी चीफ जयंत चौधरी

राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के नेता जयंत चौधरी ने लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA से अलग होने के बारे में कहा कि वह इस बारे में जल्द खुलासा करेंगे कि आखिर वो क्यों इस गठबंधन से बाहर निकल गए? साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने को लेकर जयंत ने कहा कि हम सब बहुत खुश हैं.

RLD के प्रमुख जयंत चौधरी से जब पूछा गया कि क्या कारण रहा कि आप INDIA गठबंधन से अलग हो गए तो उन्होंने कहा कि चुनाव की घड़ी जब आएगी तब बताएंगे, अभी तो चुनाव घोषित नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा, “जब हम अलग होने की औपचारिक घोषणा करेंगे तब बताएंगे. तब मैं इन सवालों के जवाब दूंगा कि क्या कारण रहें. हम अपने क्षेत्र में अपने लोगों के लिए क्या करना चाहते हैं. हमारे मुद्दे क्या हैं. सारी बात करेंगे लेकिन आज नहीं.”

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विधायकों-कार्यकर्ताओं से बातकर लिया फैसलाः जयंत

इससे पहले सोमवार को भी जयंत चौधरी ने कहा था कि दादा चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा के बाद उनकी पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ जाने का फैसला लिया गया है. इस दौरान एनडीए में शामिल होने को लेकर पार्टी विधायकों की नाराजगी पर जयंत चौधरी ने कहा, “अगर कोई यह खबर दे रहा रहा है, तो मुझे नहीं लगता कि उन्होंने विधायकों से बात की है. मैंने विधायकों और कार्यकर्ताओं से पहले लंबी बातचीत की है और फिर उसके बाद कोई फैसला लिया.”

उन्होंने यह भी कहा कि पहले से हमारी ऐसी कोई योजना नहीं थी लेकिन परिस्थितियों की वजह से कम समय में फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. हालांकि, जयंत और बीजेपी की ओर से अब तक एनडीए में शामिल होने को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों पक्षों ने 9 फरवरी को एनडीए में जाने के बारे में काफी संकेत दे दिए थे.

किसानों की मांग पर हो सुनवाईः जयंत

किसानों के आंदोलन को लेकर जयंत चौधरी ने कहा कि हम किसानों के साथ है, किसानों की मांगों पर सुनवाई होनी चाहिए, जितनी मेहनत किसान करते है शायद और कोई नहीं करता. अपने दादा चौधरी चरण सिंह की किसानों के प्रति सेवा को याद करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि वह किसानों की आवाज बन कर उभरे. किसानों के जीवन में उनके योगदान के चलते ही उन्हें किसानों का मसीहा कहा जाता है. उनके ज्यादातर फैसलों में किसान के हित शामिल हुआ करते थे. उन्हें यह पता हुआ करता था कि देश में किसानों की तरक्की के बिना देश की असली तरक्की मुमकिन नहीं है.



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