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Indian Nurse Nimisha Priya Case what is blood money in islamic law know the whole story

Nurse Nimisha Priya : यमन की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया को छुड़ाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए भारत सरकार ने रिहाई के संबंध में मनी ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है. भारतीय दूतावास के माध्यम से 40,000 डॉलर की राशि संबंधित व्यक्तियों को भेजी जाएगी. केरल के पलक्कड़ की रहने वाली प्रिया को 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी पाया गया था. उन्हें देश से भागने की कोशिश करते समय पकड़ा गया था. बाद में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी. अब निमिषा प्रिया के केस में ब्लड मनी देकर मौत की सजा को टाला जा सकता है. केरल के पलक्कड़ जिले की निमिषा नर्सिंग की पढ़ाई के बाद 2012 में परिवार समेत यमन गई थीं. वहां उन्होंने एक अस्पताल खोलने का सोचा था, लेकिन नियम के मुताबिक, वहां का स्थानीय नागरिक ही ऐसा कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल खुलवाने के लिए निमिषा की मदद तलाल अब्दो महदी नाम के युवक ने की.

महदी ने निमिषा के साथ शादी के फर्जी पेपर बनवाए. नर्स को अस्पताल चलाने का लाइसेंस भी मिल गया, लेकिन 2015 में सिविल वॉर के चक्कर में निमिषा को परिवार के साथ भारत लौटना पड़ा. बाद में स्थिति ठीक होने पर निमिषा अकेले ही यमन चली गईं. 

यौन संबंध बनाता था महदी
खबरों के अनुसार, महदी अकेले पाकर निमिषा पर यौन संबंध बनाने का दबाव डालने लगा. ऐसा नहीं करने पर उसे अस्पताल बंद करवाने की धमकी दी. उसने नर्स का पासपोर्ट भी छीन लिया था. अपने घर वापस आने के लिए उसने दस्तावेज पाने की एक योजना बनाई और एक स्थानीय नर्स के साथ मिलकर महदी को नींद के इंजेक्शन दिए. ओवरडोज के चलते उसकी मौत हो गई. इन सबसे बचने के लिए निमिषा और स्थानीय नर्स ने मिलकर उसके शरीर के कई टुकड़े किए और पानी की टंकी में बहा दिया. वहां से भागते समय उसे अरेस्ट कर लिया गया.

क्या है ब्लड मनी, जिसके जरिए निमिषा होंगी रिहा
अरेस्टिंग में बाद निमिषा को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे साल 2020 में मौत की सजा सुनाई गई. तब से लेकर अब तक उसे ब्लड मनी देकर छुड़वाने की बात हो रही थी. अब इसी मामले में ब्लड मनी ट्रांसफर होने जा रहा है. इस्लामिक कानून के मुताबिक, पीड़ित या उसका परिवार तय कर सकते हैं कि क्रिमिनल को क्या सजा दी जाए. मर्डर के मामले में भी यही नियम है, वैसे यमनी नियम में खून के दोषी को मौत की सजा मिलती है, लेकिन पीड़ित परिवार के पास ये भी हक है कि वह हत्यारे को पैसों लेकर माफ कर सके. इसे ही ब्लड मनी कहते हैं. इस्लाम के जानकार मानते हैं कि ये तरीका माफ करने के साथ-साथ पीड़ित को भी सपोर्ट देता है.

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