Indian Voter Can Change Any Party Game While Casting Vote At The End Time Before Elections

Voters Mood In Elections: इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है तो बहुत से राज्यों में होने हैं. इसके अलावा, सबसे महत्वपूर्ण साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने को हैं जो बताएंगे कि इस बार केंद्र की सत्ता किसके हाथों में रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का फायदा बीजेपी को कितना मिलेगा और कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी को जनता का कितना साथा मिला है, इस बात का फैसला अगले साल तक हो जाएगा.
चुनाव से पहले कई मुद्दों को लेकर लड़ाई चलती है और जो मुद्दा हिट हो जाता है उसी को ध्यान में रखते हुए चुनाव प्रचार किया जाता है, जिससे कि वोटर्स को अपने पाले में किया जा सके. तो वहीं, आज का वोटर भी इतना शातिर है कि वो ऐन वक्त पर अपना मूड बदलकर किसी भी पार्टी का खेल बिगाड़ सकता है. वोटर्स के मूड का भांपते हुए इंडिया टुडे- एक्सिस माई इंडिया की एक स्टडी सामने आई है जिसमें सर्वे के आंकड़ों का अध्ययन किया गया. इसमें कई सवालों के जवाब देखने को मिलते हैं.
साल 2019 में वोटर्स ने किस तरह किया वोट?
साल 2019 के लोकसभा चुनाव की अगर बात करें तो 44 प्रतिशत पुरुषों ने बीजेपी, 27 प्रतिशत कांग्रेस और 29 प्रतिशत ने अन्य पार्टियों को वोट किया था. तो वहीं 46 प्रतिशत महिलाओं ने बीजेपी, 27 प्रतिशत ने कांग्रेस और 27 प्रतिशत ने अन्य पार्टियों को वोट किया था. इस स्टडी में ग्रामीण और शहरी इलाकों को भी शामिल किया गया है. ग्रामीण इलाकों में अगर देखें तो 44 प्रतिशत लोगों ने बीजेपी, 27 प्रतिशत ने कांग्रेस और 29 प्रतिशत ने अन्य दलों को वोट किया. वहीं, शहरी इलाकों में 49 प्रतिशत बीजेपी, 26 प्रतिशत ने कांग्रेस और 25 प्रतिशत ने अन्य पार्टियों को वोट किया.
इसके अलावा जाति और समुदाय के आधार पर इस स्टडी की बात की जाए तो एससी लोगों ने 41 प्रतिशत बीजेपी, 28 प्रतिशत कांग्रेस और 31 प्रतिशत अन्य पार्टियों पर भरोसा किया. वहीं, एसटी समुदाय के लोगों ने 49 प्रतिशत बीजेपी को वोट करके सबसे ज्यादा भरोसा जताया. 30 प्रतिशत वोट कांग्रेस के खाते में भी गया और 21 प्रतिशत वोट अन्य पार्टियों को गया.
शहरी और ग्रामीण इलाकों में वोट का विभाजन
बीजेपी शहरी इलाकों में ज्यादा लोकप्रिय तो है ही लेकिन वो इस चुनाव में शहरी और ग्रामीण इलाकों में वोटों के अंतर को कम कर सकती है. ग्रामीण इलाकों के 44 प्रतिशत की तुलना में शहरी इलाके के 49 प्रतिशत वोटर्स ने बीजेपी और एनडीए गठबंधन के लिए वोट किया. तो वहीं कांग्रेस को देखें तो उसे दोनों ही क्षेत्रों से बराबर वोट मिला है.
लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे के आधार पर आखिरी नतीजे बताते हैं कि ग्रामीण इलाकों की कुल 342 सीटों में से 198 सीटें बीजेपी ने जीतीं तो कांग्रेस ने सिर्फ 30 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी. वहीं, शहरी इलाके की कुल 200 सीटों में से 105 बीजेपी ने और 23 सीटें कांग्रेस ने जीतीं थीं.
वोटर्स कब करते हैं फैसला
इस सर्वे की स्टडी के मुताबिक, 43 प्रतिशत ऐसे मतदाता हैं जो वोटिंग वाले दिन ही निर्णय करते हैं कि किस पार्टी को वोट करना है. तो वहीं, 14 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कुछ दिन पहले और 29 प्रतिशत ऐसे मतदाता हैं जो कुछ दिन पहले या ग्रुप मीटिंग के बाद निर्णय कर लेते हैं कि इस पार्टी के लिए वोट करना है. इसके अलावा, 31 प्रतिशत ऐसे भी लोग हैं जो वफादार वोटर्स हैं, जो हमेशा से एक ही पार्टी के लिए वोट करते आए हैं.
इस अध्ययन ये भी बात सामने निकलकर आई है कि 45 प्रतिशत ऐसे मतदाता हैं जो ऐन वक्त पर फैसला करते हैं कि किस पार्टी के लिए वोट करना है. राज्यों की अगर बात करें तो ओडिशा में 68 प्रतिशत, झारखंड में 63 प्रतिशत, तेलागाना में 57 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 56 प्रतिशत, बिहार में 55 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 43 प्रतिश के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों के भारी मतदाता बिल्कुल आखिरी समय में तय करते हैं कि फलां पार्टी को वोट देना है. वहीं, 37 प्रतिशत भारतीय मतदाता ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं.