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Jammu Kashmir Alligator Gar Fish Found In Dal Lake Know About Them Ann

Jammu- Kashmir: जम्मू और कश्मीर झील संरक्षण और प्रबंधन प्राधिकरण (एलसीएमए) ने गुरुवार 11 मई को डल झील की चल रही सफाई के दौरान पहली बार एक दुर्लभ प्रकार की मछली की खोज की, जिसे “मगरमच्छ गार” मछली कहा जाता है. मगरमच्छ जैसे सिर और रेजर-नुकीले दांतों के लिए जानी जाने वाली ‘एलीगेटर गार’ मछली उत्तरी अमेरिका की मूल निवासी है.जम्मू-कश्मीर एलसीएमए के अनुसंधान और निगरानी विभाग के एक विशेषज्ञ मसूद अहमद ने कहा कि वे मत्स्य पालन और स्कास्ट-के के मत्स्य विभाग की मदद से खोजी गई मछलियों का विश्लेषण करने जा रहे हैं.

अहमद ने कहा “हम मत्स्य विभाग और स्कास्ट-के से मदद करने जा रहे हैं. जिससे डल झील के अंदर हमारी मौजूदा मछली प्रजातियों पर इस प्रकार की मछली के प्रभावों का पता लगाया जा सके.” डल झील में सामान्य डी-वीडिंग रूटीन के दौरान उन्हें कन्वेयर पर एक दुर्लभ किस्म की मछली मिली. उन्होंने बताया कि यह यहाँ अपनी तरह की पहली मछली थी. डल झील की सफाई के दौरान मिली दुर्लभ मछलियों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.



 

कश्मीर में देखा गया है पहली बार
नेटिजन्स ने कई लोगों के साथ आश्चर्य व्यक्त किया कि मछली का प्रकार एक आक्रामक प्रजाति है. साथ ही यह  जल जीवन के लिए खतरा है. शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस एंड टेक्नोलॉजी कश्मीर (SKUAST-K) के फैकल्टी ऑफ फिशरीज के डीन डॉ. फारूज अहमद भट ने कहा कि डल झील में जो मछली देखी गई थी. साथ ही बताया कि वह एलीगेटर गार फिश है, जिसे कश्मीर में पहली बार देखा गया है. डॉ फारूज ने कहा कि यह मछली हानिकारक नहीं है, लेकिन हमारे पास इस पर कोई शोध नहीं है क्योंकि यह पहली बार यहां डल झील में देखी गई है. 

डॉ. फारूज ने कहा कि 2016 में यहां डल झील में ग्रास कार्प मछली देखी गई थी. बाद में हमारी टीम ने मानसबल झील में एक और मछली देखी, लेकिन यह मगरमच्छ मछली कश्मीर में पहली बार देखी   गई है. डॉ. फारूज ने कहा कि यह यहां तक कैसे पहुंचा या कश्मीर की स्थानीय मछलियों के लिए खतरनाक है या नहीं, इस पर समुचित शोध किया जाएगा. 

एलीगेटर गार कौन सी मछली है?
नेशनल ज्योग्राफिक पर दी गई जानकारी के अनुसार एलीगेटर गार, गार परिवार की सबसे बड़ी प्रजाति है. ऐसी मछलियां उत्तरी अमेरिका में डूबे हुए पानी में पाई जाती हैं, लेकिन ये खारे पानी को भी सहन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इनकी उम्र 18 से 20 साल होती है. बॉडी टारपीडो के आकार का होता है. आमतौर पर रंग भूरा या जैतून जैसा होता है, बड़े-बड़े दांत होते हैं और मांसाहारी होती हैं. यह मछली करीब 10 फीट (लगभग 3 मीटर) तक लंबी हो सकती है. इनका वजन 350 पाउंड (करीब 159 किलोग्राम) तक हो सकता है. साथ ही एलीगेटर गार डे में सुस्त रहता है और रात को शिकार करता है. आमतौर पर पानी में रहने वाले, जैसे कछुओं का शिकार करती है, लेकिन खतरा महसूस होने पर इंसान पर भी हमला कर देता है.

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