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2024 की मझधार: विपक्ष ‘जाति की नाव’ पर सवार, योगी ने संभाली सनातन की पतवार! | lok sabha election yogi adityanath sanatan agenda bjp vs india alliance

2024 की मझधार: विपक्ष 'जाति की नाव' पर सवार, योगी ने संभाली सनातन की पतवार!

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)Image Credit source: TV9

जातिगत जनगणना पर INDIA का जोर और विपक्ष का शोर बढ़ता जा रहा है. जवाब में BJP ने सनातन के सहारे पलटवार किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब हर मंच और हर मुद्दे पर सनातन के जरिए विपक्ष पर बरस रहे हैं. तो क्या विपक्ष के ‘जाति वाले वार’ के मुकाबले में सनातन ही BJP की ढाल और योगी का हथियार होगा?

2017 में जब संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दांव लगाया था, तो शायद इस बात का आकलन किया होगा कि ये बाजी कितनी दूर तक जाएगी. योगी को संघ ने पहले हिंदुत्व के पोस्टर बॉय की तरह प्रोजेक्ट किया. लेकिन, अब 2023 में पांच राज्यों में बढ़ते चुनावी ताप के बीच योगी ने नए तेवर दिखाए हैं. अब वो हिंदुत्व से ‘नेक्स्ट लेवल’ की ओर बढ़ रहे हैं. शायद इसी नेक्स्ट लेवल का नाम सनातन है.

सनातन “सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया: वाली जीवन शैली और मानव आचार-विचार का आधार माना जाता है. लेकिन, पहली बार सनातन को 2024 में सियासत की कसौटी पर रखा जाएगा. करीब दो महीने से INDIA’ समेत पूरा विपक्ष जाति जनगणना से लेकर जाति आधारित राजनीति को केंद्र में रख रहा है. शायद इसीलिए मुख्यमंत्री योगी ने पुरजोर तरीके से कह दिया है, ‘जो सनातन हित वही देशहित, जो देशहित वही जनहित और हम जनहित के काम ही करेंगे’.

योगी के ‘सियासी तप’ के केंद्र में सनातन!

2023 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जातिगत राजनीति के समर को उफान दिया जा रहा है. BJP को घेरने के लिए पूरा विपक्ष अपने मंच, मंथन और बयानों में जाति के मुद्दे पर लगातार सवाल उठा रहा है. BJP की ओर से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन के सहारे मोर्चा संभाला है. उन्होंने सनातन को अपने सियासी तप के केंद्र में रख लिया है.

पिछले एक महीने से मुख्यमंत्री योगी कई बार सार्वजनिक मंच से सनातन को लेकर मुखर रहे हैं, लेकिन जब से विपक्ष ने जातिगत जनगणना से लेकर जाति आधारित चुनावी संरचना पर जोर दिया है, तब से उन्होंने सनातन पर सबको केंद्रित रखने की कोशिश शुरू कर दी है. सीएम योगी जाति के जवाब में सनातन की बात कर रहे हैं. वो कहते हैं कि सनातन में सब बराबर हैं. सनातन ही भारत की मूल शक्ति है. जाहिर है सनातन के इसी ‘शक्ति मंत्र’ से ‘सियासी शक्ति’ सिद्ध करने की कोशिशें जारी हैं.

योगी की ‘नई डोर, हिंदुत्व से सनातन की ओर!

सनातन के नाम पर योगी आदित्यनाथ ने सिर्फ यूपी या भारत को नहीं बल्कि विश्व को संदेश दे दिया है. इजराइल-फिलिस्तीन के युद्ध के बीच जब सारी दुनिया की नजर भारत पर है, तो योगी रोहतक में नाथ सम्प्रदाय के एक कार्यक्रम में पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि विश्व-शांति की गारंटी केवल सनातन धर्म और भारत ही हो सकता है. साथ ही वो बोले कि भारत की संत-शक्ति कभी पलायन का रास्ता नहीं अपनाती है, चुनौतियों से जूझने का जज्बा रखती है.

योगी आदित्यनाथ ने इजराइल-फिलिस्तीन के बीच जारी जंग के बीच ये बताने की कोशिश की है कि सनातन हर समस्या का समाधान है. योगी का ये बयान विपक्ष के लिए दोधारी तलवार की तरह है. एक तो ये कि विपक्ष अगर उनके बयान का विरोध करेगा, तो सनातन विरोधी कहलाएगा. दूसरा ये कि सनातन हिंदुत्व से आगे की चीज है. हिंदुत्व पर वार-पलटवार हो सकता है, लेकिन सनातन पर घेरना आसान नहीं है क्योंकि सनातन सर्वजन की बात करता है.

संघ योगी को दे चुका है ‘ग्रीन सिग्नल’

सनातन को जिस तरह मुख्यमंत्री योगी अपने राजनीतिक बयानों का हिस्सा बना रहे हैं, वो एक बड़ा इशारा है. विपक्ष जाति आधारित मुद्दों और रणनीतियों को धार दे रहा है. इसके जवाब में राष्ट्रवाद का कोई बड़ा मुद्दा फिलहाल BJP के पास नहीं है. वैसे ही जाति के मुद्दे को राष्ट्रवाद से जवाब नहीं दिया जा सकता. इसलिए जातिगत सियासत के तूफान में पार्टी सनातन की नाव पर सवार होकर 2024 में अपना बेड़ा पार लगाना चाहती है.

सितंबर 2023 के आखिरी हफ्ते में संघ प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी में मुलाकात के साथ-साथ मंथन भी हुआ था. माना जा रहा है कि शायद तभी संघ और योगी के बीच ये तय हो गया था कि जातिगत हमलों का जवाब सनातन से दिया जाए. उसके बाद से ही सीएम योगी ने सार्वजनिक तौर पर सनातन को अपने बयानों का मंच देना शुरू कर दिया. सनातन को देश-विदेश के सियासी हालात से जोड़कर बयां करने के मायने साफ हैं. 2023 में सनातन की सियासी कसौटी का ट्रायल हो रहा है, ताकि 2024 तक पूरी धार से प्रहार हो सके.

सनातन की सियासी कसौटी पर योगी की ‘बड़ी परीक्षा’

मुख्यमंत्री योगी ने 2022 में ये साबित कर दिया कि 2017 में उनका सेलेक्शन संघ और BJP के नजरिए से बिल्कुल परफेक्ट था. हालांकि, अब खेल और उसका दायरा बढ़ चुका है. योगी भले ही सबसे बड़े राज्य के मुखिया हैं, लेकिन संघ और BJP फिलहाल उनकी बड़ी भूमिका देख रही है इसलिए देशभर में होने वाली चुनावी रैलियों और रोड शो में पोस्टर बॉय बनाकर उनकी सियासी मार्केटिंग होती है.

अब तक सीएम योगी ने खुद को हिंदुत्व की धार पर परखा, लेकिन संघ और BJP उन्हें सनातन की कसौटी पर आजमाना चाहती है इसलिए योगी फिलहाल अपने बयानों में लगातार सनातन का जिक्र कर रहे हैं. वो लोगों को बता रहे हैं कि ‘सनातन ही महाशक्ति है. अगर सनातन के नाम पर एकजुट रहेंगे तो किसी भी चुनौती से घबराने की जरूरत नहीं है.’ यानी वो लोगों तक ये संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि सनातन जोड़ने का काम करता है और जाति बांटने का नाम.

सनातन की ‘उछाल’ देखकर ‘बाउंसर’ बनाएगी BJP?

सनातन पर अचानक मुख्यमंत्री योगी के खुलकर बोलने की वजह बहुत साफ है. संघ और BJP दोनों शायद उनके जरिए सनातन का ट्रायल ले रहे हैं. वो योगी के बयानों के बाद सियासत की पिच पर सनातन की उछाल देख रहे हैं. अगर विपक्ष के जाति वाले मुद्दे के खिलाफ सनातन पर माहौल बन गया, तो इसे 2024 में पूरी ताकत के साथ बाउंसर बनाया जाएगा. अगर सनातन पर उम्मीदों के मुताबिक सियासी वातावरण नहीं बन पाया, तो भी संघ और BJP को सिर्फ एक कदम पीछे आकर योगी के हार्डकोर हिंदुत्व को आगे कर देना होगा.

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