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रिश्तों में दरार, कोर्ट में भटक रहा प्यार; UP में 4 लाख शादियां टूटने की कगार पर | UP NEWS lakhs of divorce cases Wife and husband separated-AGRA- STWR

आधुनिकता के इस युग में छोटी-छोटी बातों पर विवाद परिवार में बिखराव का कारण बन रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में लगभग 4 लाख से अधिक शादियां टूटने की कगार पर हैं. प्रदेश में इस वर्ष जनवरी से जून तक 1 लाख 41 हजार नए मामले अदालत में दाखिल हुए हैं. वहीं, अगर 2018 से जून 2023 की बात करें तो लगभग चार लाख पारिवारिक विवाद के मामले अदालतों में लंबित हैं. बात अगर आगरा की करें तो जनवरी से जून तक 5 हजार 5 सौ 19 नए मामले सामने आए हैं. 2018 से अब तक 10 हजार से ज्यादा मामले अदालतों में लंबित हैं.

आगरा के निवासी और वरिष्ठ अधिवक्ता के सी जैन की ओर से हाईकोर्ट से मांगी सूचना के जवाब में मिली जानकारी ने मामूली बातों में परिवारों के टूटने की कहानी बयां कर दी है. आगरा में 5 परिवार न्यायालय हैं, जिनमें 2023 की पहली छमाही में 5519 नए वैवाहिक वाद दाखिल हुए हैं. 30 जून तक 10,748 वैवाहिक मामले परिवार न्यायालयों में लंबित थे. 6 महीने में 5700 मामलों में फैसला आ चुका है. आगरा में दायर होने वाले नए मुकदमों की संख्या हर महीने लगभग 920 यानी एक दिन में 30 से अधिक मामले दायर हो रहे हैं. आगरा के परिवार न्यायालयों में 2022 में 10511 मामले दाखिल हुए थे जबकि 2019 में 7880 और 2018 में 4665 मामले थे.

प्रदेश में स्थिति चिंताजनक

उच्च अदालत की ओर से दी गई सूचना के आधार पर प्रदेश में जनवरी 2023 से जून 2023 के मध्य 75 जनपदों में 190 परिवार न्यायालयों के समक्ष 1,41,014 नये मामले दाखिल हुए. 30 जून 2023 को 3,87,349 मामले लंबित थे. 2022 में पूरे प्रदेश में 2,72,229 नए परिवार विवाद दाखिल हुए थे. इस प्रकार वर्ष 2023 की पहली छमाही में प्रतिदिन लगभग 785 नये परिवार विवाद दाखिल हुए. 2018 में 2,83,345 मामले न्यायालयों में लंबित थे, जो 2019 में बढ़कर 3,11,701 हो गए और 2022 में 3,93,712 हो गए.

एडवोकेट केसी जैन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को मेल से पत्र भेजा है. पत्र में वैवाहिक मामलों को निपटाने के लिए विशेष अभियान चलाने और उन्हें त्वरित गति से निस्तारित करने की मांग की है. केसी जैन का कहना है कि तलाक के मामले जब तक लंबित रहते हैं, तब तक परिवारों में तनाव रहता है.

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