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क्या सपा ने इंडिया गठबंधन से बना ली दूरी? अखिलेश बोले हर परिस्थिति के लिए रहे तैयार | India alliance SP distanced Akhilesh Yadav Congress Seat Sharing prepared for every situation

इंडिया गठबंधन का बैठक में समाजवादी पार्टी की तरफ से कोई शामिल नहीं हुआ. लखनऊ में समाजवादी पार्टी ऑफिस में प्रवक्ताओं की बैठक में अखिलेश यादव ने कहा कि हमें किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. हमने गठबंधन में हमेशा सबका सम्मान किया. बीजेपी के खिलाफ लड़ाई बड़ी है. हमारा संगठन सभी अस्सी लोकसभा सीटों पर मजबूत है.

बता दें कि शनिवार को दिल्ली में बुलाई गई इंडिया गठबंधन की बैठक में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए थे. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इंडिया गठबंधन चेयरमैन बनाने के प्रस्ताव पर सभी दलों ने सहमति जताई है.

बैठक से ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे जैसे अहम विपक्षी नेता नदारद रहे. उनकी अनुपस्थिति के बावजूद माना जा रहा है कि खरगे को लेकर आम सहमति बनी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह पद देने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

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सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस-सपा में रार

बता दें कि सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. नौ जनवरी की बैठक के बाद शुक्रवार को दोनों दलों के बीच बैठक होनी थी, लेकिन बैठक अंतिम समय में रद्द कर दी गयी थी. समाजवादी पार्टी की ओर से कहा गया कि कांग्रेस की तैयारी नहीं थी, लेकिन कांग्रेस की ओर से कहा गया कि उनके नेता दिल्ली में नहीं रहेंगे.

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को सीटें छोड़ने में कम दिलचस्पी दिखाई है. क्योंकि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की मांग पर मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ 6 सीटें छोड़ने को तैयार नहीं हुए. अब अखिलेश कांग्रेस को अपना जवाब दे रहे हैं. बीएसएफ प्रमुख मायावती को इंडिया गठबंधन में शामिल करने की कवायद से भी अखिलेश यादव खुश नहीं बताए जा रहे हैं.

टीएमसी और कांग्रेस में भी मची है तकरार

इसी तरह से पश्चिम बंगाल में भी तृणमूल नेतृत्व के साथ भी कांग्रेस का तालमेल नहीं बैठ रहा है. इसके अलावा कांग्रेस ने दिल्ली और पंजाब में अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी से भी गठबंधन नहीं किया. क्योंकि कांग्रेस दिल्ली में कुल चार सीटों पर लड़ना चाहती है. आप नेतृत्व कांग्रेस के लिए इतनी सीटें छोड़ने को तैयार नहीं है पंजाब में भी अरविंद केजरीवाल की पार्टी कांग्रेस की मांग के मुताबिक सात सीटें छोड़ने को तैयार नहीं है इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी गोवा, गुजरात और हरियाणा में भी चुनाव लड़ना चाह रही है.

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