Direct Attacks On Indian Mission Completely Unacceptable UK Foreign Secretary

Khalistani Supporter: खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग को घेरने की धमकी दी है. इसके बाद ब्रिटेन सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. गुरुवार (05 जुलाई) को ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने कहा है कि लंदन में भारतीय उच्चायोग पर कोई भी सीधा हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है और ऐसा होने पर कोई भी बख्शा नहीं जाएगा.
गौरतलब है कि अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस ने 8 जुलाई को तथाकथित खालिस्तान स्वतंत्रता रैली निकालने का ऐलान किया है. रैली के प्रचार के लिए खालिस्तान समर्थक नेताओं ने एक पोस्टर भी जारी किया है. पोस्टर का टाइटल “किल इंडिया” रखा गया, उसमें इंडियन हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में भारत के वाणिज्य दूतावास जनरल अपूर्व श्रीवास्तव पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया गया है.
पोस्टर को जमकर किया जा रहा शेयर
ट्विटर पर कई अकाउंट्स से आगामी रैली के पोस्टर को साझा किया जा रहा है. गौरतलब है कि इससे पहले सैन फ्रांसिस्को में भारत के वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानियों ने हमला किया था. इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका में वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों को धमकियां दी थी. इन सब के बाद अब यह पोस्टर जारी किया गया है.
ब्रिटिश सरकार ने अपनाया सख्त रुख
ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने ट्वीट करते हुए कहा है कि लंदन में भारतीय उच्चायोग पर कोई भी सीधा हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है. हमने ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराइस्वामी और भारत सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि उच्चायोग में कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है. भारत में यूके के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने क्लेवरली के ट्वीट का हवाला देते हुए पोस्ट किया है कि किसी तरह की हिंसा स्वीकार नहीं की जाएगी. भारतीय अधिकारियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा .
Any direct attacks on the Indian High Commission in London are completely unacceptable.
We have made clear to @VDoraiswami and the Government of India that the safety of staff at the High Commission is paramount.
— James Cleverly🇬🇧 (@JamesCleverly) July 6, 2023
बता दें कि 8 जुलाई की “किल इंडिया” रैली की घोषणा करने वाले ट्वीट में दोराईस्वामी और बर्मिंघम में भारत के महावाणिज्य दूत शशांक विक्रम की तस्वीरें हैं. गौरतलब है कि सोमवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि कट्टरपंथी, चरमपंथी खालिस्तान की विचारधारा भारत या उसके सहयोगी देशों जैसे अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छी नहीं है. उन्होंने इन देशों से खालिस्तान समर्थकों को जगह नहीं देने की अपील भी की.