Motivational Quotes Mahabharata Bhim And Duryodhana War Lessons For Success Know Safalta Ki Kunji

Safalta Ki Kunji, Bhim and Duryodhana War Story Motivational Thoughts In Hindi: सफलता या लक्ष्य के मापदंड हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं. लेकिन सफलता या लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नियम महत्वपूर्ण होते हैं. क्योंकि लक्ष्य बड़ा हो या छोटा जब तक आप इसे नियम के अनुसार नहीं करेंगे तो इसमें सफलता नहीं मिलेगी और इसमें की गई छोटी सी गलती या लापरवाही भी आपका सबकुछ बिगाड़ सकती है. ठीक ऐसा ही हुआ था महाभारत के युद्ध में भी. जब दुर्योधन की छोटी सी गलती के कारण वह भीम के हाथों में मारा गया है. दुर्योधन की गलती से आपको जरूर सीख लेनी चाहिए.
भीम और दुर्योधन के युद्ध के प्रसंग से लें ये सीख
महाभारत का युद्ध पांडवों और कौरवों के बीच हुआ था. जब कौरव पक्ष के सभी बड़े योद्धाओं को पांडवों द्वारा मार दिया था और युद्ध का अंतिम चरण आया तो गांधारी को यह लगने लगा कि अब दुर्योधन के प्राण भी संकट में आ गए हैं और गांधारी ने दुर्योधन को यह आदेश दिया कि तुम स्नान करके नग्न अवस्था में मेरे सामने आओ.
इसके पीछे यह कारण था कि धृतराष्ट्र से विवाह के बाद गांधारी ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी. क्योंकि उसे यह वरदान मिला था कि वह आंखें खोलकर जिस इंसान को भी देखेगी, उसका शरीर लोहे के समान हो जाएगा. दुर्योधन को मृत्यु के बचाने के लिए गांधारी ने उसे यह आदेश दिया. क्योंकि वह चाहती थी कि दुर्योधन का शरीर भी लोहे जैसा हो जाए और उसे कोई मार न सके.
News Reels
माता के आदेश पर दुर्योधन ने भी यही किया और पूरी तरह नग्न होकर गांधारी के पास जाने लगे. लेकिन गांधारी के पास पहुंचने से पहले दुर्योधन को श्रीकृष्ण मिल गए. श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से कहा, तुम अब व्यस्क हो और इस अवस्था में तुम्हारा अपनी माता के सामने जाना उचित नहीं है. कम से कम तुम्हें अपनी जांघों को ढंकना चाहिए.
दुर्योधन को भी श्रीकृष्ण की यह बात सही लगी. उसने पत्तों की सहायता से अपनी जांघ के हिस्से को ढक लिया और फिर माता गांधारी के सामने गए. गांधारी ने जैसे ही अपने आंखों की पट्टी हटाकर दुर्योधन को देखा तो उसका पूरा शरीर लोहे का हो गया. लेकिन वह हिस्सा सामान्य रह गया, जहां उसने पत्ते ढंके थे. यह देख गांधारी समझ नहीं कि दुर्योधन ने गलती कर दी है.
दुर्योधन की गलती ही बनी मृत्यु का कारण
जब महाभारत युद्ध का अंतिम चरण आया तो भीम और दुर्योधन में गदा युद्ध हुआ. भीम द्वारा दुर्योधन के शरीर पर वार करने से भी कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था, क्योंकि दुर्योधन का शरीर लोहे का बन चुका था. तब श्रीकृष्ण ने भीम को दुर्योधन के जांघ पर प्रहार करने का इशारा किया. क्योंकि दुर्योधन के जांघ का हिस्सा लोहे का नहीं बना पाया था. भीम ने जांघ पर वार किया और इसके बाद घायल होकर दुर्योधन की मृत्यु हो गई.
सीख: महाभारत के इस प्रसंग से यह सीख मिलती है कि आज्ञा का पालन ठीक वैसा ही करना चाहिए, जैसा आदेश मिला हो. सही नियम और सही तरीके से कार्य न करने पर छोटी सी गलती से पूरा कार्य बर्बाद हो सकता है.
ये भी पढ़ें: Magh Mela 2023 Date: माघ मेला कब से होगा शुरू? जानें इसमें एक माह तक कल्पवास का महत्व
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.