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Myanmar Earthquake 1644 People Dead while 3400 injured many buildings demolished know Updates

Myanmar Earthquake: म्यांमार और थाईलैंड में आए भीषण भूकंप से मरने वालों की संख्या 1600 पार कर चुकी है. इस बीच बचावकर्मी मलबे में फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहे हैं. शुक्रवार (28 मार्च, 2025) की दोपहर को मध्य म्यांमार के सागाइंग शहर के उत्तर-पश्चिम में 7.7 तीव्रता का हल्का भूकंप आया, जिसके कुछ ही मिनटों बाद 6.7 तीव्रता का दूसरा झटका लगा, जिसने भारी तबाही मचाई.

इन झटकों ने म्यांमार में सड़कों और पुलों सहित इमारतों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बर्बाद कर दिया. देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले को भी नष्ट कर दिया. म्यांमार के सैन्य प्रशासन, जुंटा ने एक बयान में कहा कि देश में 1,644 लोग मारे गए और 3,400 से ज्यादा लोग घायल हुए. कम से कम 139 लोग लापता हैं. उधर बैंकॉक में लगभग 10 और लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.

म्यांमार में आपतकाल की घोषणा

जुंटा प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संकटग्रस्त देश की मदद करने की अपील की है. ये अपील भूकंप के प्रभाव को दर्शाती है. म्यांमार ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में आपातकाल की घोषणा कर दी है. संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, चीन और कई अन्य देशों ने म्यांमार की मदद करने का वादा किया है.

म्यांमार के भूकंप का असर थाईलैंड में भी

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि झटके इतने ताकतवर थे कि केंद्र से सैकड़ों किलोमीटर दूर बैंकॉक में स्थित इमारतों को गंभीर नुकसान पहुंचा. मांडले में सदियों पुराना बौद्ध शिवालय मलबे में तब्दील हो गया है. रिपोर्ट के अनुसार, अन्य देशों से टीमें और उपकरण मंगवाए गए हैं, लेकिन उन शहरों के हवाई अड्डों के क्षतिग्रस्त होने के कारण उन्हें बाधा आ रही है.

नेपीता में कर्मचारी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि शहर के अधिकांश हिस्सों में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवाएं अब भी बाधित हैं. बैंकॉक में बचावकर्मी 30 मंजिला गगनचुंबी इमारत के मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. बैंकॉक के गवर्नर चाडचार्ट सिट्टीपंट ने बताया कि इमारत ढहने की घटना में अब तक आठ लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कम से कम आठ अन्य को बचा लिया गया है. इमारत में 79 लोग अभी भी लापता हैं.

भारत ने भेजी मदद 

म्यांमा में आए भीषण भूकंप से हुई मौत और तबाही के बीच भारत ने शनिवार को 15 टन राहत सामग्री पहुंचाई तथा आपातकालीन मिशन ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत बचाव दलों के साथ हवाई और समुद्री मार्ग से और आपूर्ति भेजी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमा के सैन्य जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की और कहा कि भारत उनके देश में आए भीषण भूकंप से मची तबाही से निपटने के प्रयासों में उनके साथ एकजुटता से खड़ा है.

भारत ने म्यांमा के लिए अपने बचाव अभियान को ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ नाम दिया है. भारत की ओर से एक सैन्य परिवहन विमान से यांगून में 15 टन आवश्यक राहत सामग्री पहुंचाने के कुछ ही घंटों बाद, एक अन्य सैन्य विमान बचाव कर्मियों के एक समूह को लेकर म्यांमा की राजधानी नेपीता में उतरा.

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