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‘खिलौने में फिर चाबी भरी गई…’ यूपी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने फिर से विरोधियों को घेरा

'खिलौने में फिर चाबी भरी गई...' यूपी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने फिर से विरोधियों को घेरा

मंत्री आशीष पटेल.

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने एक बार फिर से इशारों ही इशारों में अपने विरोधियों पर निशाना साधा है. आशीष पटेल ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि यूपी सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय सिंह और सूचना निदेशक शिशिर सिंह के नेतृत्व में आज खिलौने में फिर चाबी भरी गई, जिसके बाद खिलौना फिर से चलने लगा है. उन्होंने कहा कि धरना मास्टर के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मेरे खिलाफ प्रायोजित षड्यंत्रों की पूरी पोल खुल गई है.

मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि अब धीरे-धीरे सभी षड्यंत्रकारी एक मंच पर आना शुरू हो गए हैं. आपको यह भी पता चल गया होगा कि जो व्यक्ति लोकसभा चुनाव के कुछ पहले तक मेरा ओएसडी था वह लगातार किन षड्यंत्रकारियों के संपर्क में था? धरना मास्टर के आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कई चीजें आप सभी को स्पष्ट हो गई होंगी.

मंत्री बोले- प्रमोशन की पूरी प्रक्रिया अधिकारियों की देखरेख में हुई

लंबे चौड़े पोस्ट में मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि प्रमोशन की पूरी प्रक्रिया अधिकारियों की देखरेख और अगुवाई में हुई है जिसमें मंत्री के रूप में मेरी कोई भूमिका भी नहीं थी. पूरी प्रक्रिया मुख्यमंत्री कार्यालय सहित सभी स्तर पर सभी के संज्ञान में थी. धरना मास्टर ने यह नहीं बताया कि इस प्रमोशन में कुल 177 कार्मिकों में से सर्वाधिक लाभ वंचित और ओबीसी वर्ग के 138 कर्मियों को मिला है. ये वो लोग हैं जिनके अधिकारों का सालों से हक मारा जा रहा था. इसकी वजह से धरना मास्टर के पेट में दर्द है.

‘अनुप्रिया पटेल को हराने में जुटे थे पूर्व ओएसडी राज बहादुर’

मंत्री ने आरोप लगाया कि उनके पूर्व ओएसडी राज बहादुर सिंह लोकसभा चुनाव के पहले से ही एनडीए उम्मीदवार प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल को हराने के लिए प्रयत्नशील षडयंत्रकारियों के लगातार संपर्क में थे. ऐसे में मेरे पास ओएसडी को हटाने के अलावा क्या विकल्प था? ओएसडी महोदय को चुनाव लड़ना है तो उनकी मंशा है वो सरकारी कर्मचारी होते हुए मीडिया का इस्तेमाल कर अपनी नेतागिरी चमका सके, लेकिन उनकी ये मंशा पूरी नहीं हो पाएगी.

1700 करोड़ रुपए के बजट का दुरुपयोग

उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय सिंह और सूचना निदेशक शिशिर सिंह राज्य के सूचना विभाग के 1700 करोड़ रुपए के बजट का दुरुपयोग कर अपने लोगों से मेरी माफी मांगने की झूठी खबर चलवा सकते हैं. खिलौने में चाबी भर सकते हैं, लेकिन सामने आकर मुकाबला नहीं कर सकते. इसलिए कितना भी झूठ क्यों न फैलाया जाए लोगों को सच्चाई पता है. जैसे मेरी हालिया मुलाकातों की सच्चाई आपको भी पता है.



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