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NHRC पहुंचा मंगेश यादव के एनकाउंटर का मामला, स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग

NHRC पहुंचा मंगेश यादव के एनकाउंटर का मामला, स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग

सुल्तानपुर में फेमस ज्वेलरी शॉप पर हुई लूट

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में 28 अगस्त को एक ज्वेलरी की दुकान में डकैती हुई, नकाबपोश बदमाशों ने दुकान से करोड़ों के माल की चोरी की, लेकिन इस घटना पर सियासी वॉर शुरू हो गई है. हालांकि सियासी वॉर की वजह डकैती होना नहीं है, बल्कि डकैती के बाद एक आरोपी पर पुलिस ने जो एक्शन लिया उस पर अब विपक्ष सवाल कर रहा है.

सुल्तानपुर में हुई इस डकैती के बाद पुलिस ने आरोपी मंगेश यादव का एनकाउंटर कर दिया, जिस पर सियासत छिड़ गई है. अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताया, तो वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि पुलिस आत्मरक्षा के लिए गोली नहीं चलाएगी तो क्या फूल बरसाएगी?

मानवाधिकार आयोग से जांच की मांग

दिनदहाड़े 5 बदमाशों ने डकैती डाली थी, जिसके बाद ग्रुप के सरगना विपिन सिंह ने सरेंडर कर दिया, लेकिन उसके बाद भी एक आरोपी का एनकाउंटर कर दिया गया और 2 आरोपी के पैर में गोली मारी गई. अखिलेश यादव के इस एनकाउंटर को फर्जी बताए जाने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में इस मामले की शिकायत दर्ज की गई है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील जीएस यादव ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. इस शिकायत में एनकाउंटर को फर्जी बताया गया है, शिकायत में कहा गया है कि जिन परिस्थितियों और घटनाक्रम से यह एनकाउंटर हुआ है, ऐसे में यह फर्जी लग रहा है.

“स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए”

साथ ही वकील जीएस यादव ने मांग की है कि एनकाउंटर की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस के बजाय किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए. शिकायत में यह भी कहा गया है कि मंगेश यादव ना तो आदतन अपराधी था और ना ही उसके खिलाफ पहले कोई गंभीर आरोप दर्ज था. पुलिस ने सिर्फ इसी मामले में एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था.

अखिलेश यादव ने बताया “एनकाउंटर फर्जी”

हालांकि, अखिलेश यादव ने विधान परिषदों में विपक्ष के नेता लाल बिहारी यादव को आज जौनपुर जाकर मंगेश यादव के परिवार से मिलने को कहा है. इस एनकाउंटर को लेकर लगातार अखिलेश यादव सवाल उठा रहे हैं.

उन्होंने 5 सितंबर को सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले मुख्य आरोपी से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और जात देखकर जान ली गई. नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं. समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली कानून-व्यवस्था है. उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, राज अपराधियों का अमृतकाल है.

मेडिकल रिपोर्ट को लेकर उठाए सवाल

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, दो दिन पहले जिसको उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक सटाकर गोली मारकर हत्या की गई, अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है. इस संगीन शासनीय अपराध का सर्वोच्च न्यायालय तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले की सबूत मिटा दिए जाएं.



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