Pakistan Blast Peshawar Mosque Death Toll Rises To 83 More Than 16 Thousand Attacks In Last 22 Years In PAK

Pakistan Blast in Mosque: पाकिस्तान की धरती सोमवार (30 जनवरी) को लहूलुहान हो गई. पेशावर (Peshawar) स्थित मस्जिद (Mosque) में हुए विस्फोट में मरनेवालों की संख्या धीरे-धीरे और बढ़ती जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमले में मृतकों की संख्या अब बढ़कर 90 हो गई है. मस्जिद के मलबे से अभी भी लाशें ढूंढी जा रही है. हमले में 150 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज जारी है.
पेशावर के पुलिस लाइंस इलाके (Peshawar Police Lines Area) में स्थित मस्जिद में विस्फोट के बाद इमारत का हिस्सा ढह गया. मस्जिद में नमाज के दौरान हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था.
पेशावर विस्फोट में मृतकों की संख्या बढ़ी
पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार को मस्जिद में हुए जोरदार धमाके में 90 से अधिक लोगों की जान चली गई है. मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ने की संभावना है. इस विस्फोट में मरने और घायल होने वालों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी शामिल हैं. इसे फिदायीन हमला बताया गया. जहां पर हमला हुआ है, वो किलेबंद क्षेत्र है और बेहद ही सुरक्षित माना जाता है. विस्फोट के वक्त मस्जिद में नमाज हो रही थी. विस्फोट इतना तेज था कि मस्जिद की इमारत की छत गिर गई और मलबे में सैकड़ों लोग दब गए.
आतंकियों का गढ़ PAK लहूलुहान क्यों है?
पाकिस्तान की धरती को आतंकियों का गढ़ माना जाता रहा है. दुनिया के ज्यादातर आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किया. अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से लेकर जैश-ए मोहम्मद सरगना मसूद अजहर, मुंबई टेरर अटैक का मास्टर माइंड हाफिज सईद समेत कई खूंखार आतंकियों को पाकिस्तान की सरकार ने पनाह दी. अब पाकिस्तान उसकी कीमत चुका रहा है. हाल के कुछ महीनों में टीटीपी से पाकिस्तान में मुश्किलें काफी ज्यादा बढ़ी हैं. आम आदमी से लेकर सेना के अफसरों को भी निशाना बनाया जा रहा है.
टीटीपी से बड़ी चुनौती
पाकिस्तान ये दावा करता रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद से टीटीपी के हमले बढ़े हैं. टीटीपी के सदस्य पिछले कई सालों से आतंकी वारदातों को अंजाम देते रहे हैं. टीटीपी देश में शरिया कानून लागू करने, अपने गिरफ्तार साथियों की रिहाई और खैबर पख्तूख्वा में पाकिस्तान सेना की तैनाती को कम करने के लिए दबाव बनाते रहे हैं. अफगानिस्तान में पिछले साल अगस्त में की गई टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरसानी की हत्या से भी संगठन के आतंकी बौखलाए हुए हैं और बड़ी संख्या में आम लोगों और जवानों को निशाना बना रहे हैं.
पिछले 22 साल में कितने हमले?
पाकिस्तान, जो दूसरे मुल्कों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता रहा है, वो अब खुद ही उसका शिकार हो रहा है. देश में आतंकी हमलों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोत्तरी देखी गई है. साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल की मानें तो दहशतगर्दों के गढ़ पाकिस्तान में पिछले 22 साल में करीब 16 हजार आतंकी हमले हुए. इन हमलों में 28,918 लोगों की जान गई. इनमें आम नागरिक के अलावा पाकिस्तानी सेना और पुलिस के जवान भी शामिल हैं.
पिछले साल भी मस्जिद में हुआ था बड़ा धमाका
पिछले साल 2022 में ही साढ़े तीन सौ से अधिक हमले हुए, जिसमें पांच सौ अधिक की संख्या में आम नागरिकों और जवानों की मौत हुई. पिछले साल पेशावर में ही कोचा रिसालदार इलाके में एक शिया मस्जिद (Shia Mosque) के भीतर बड़ा धमाका हुआ था, जिसमें 63 लोग काल के गाल में समा गए थे. इस दौरान 190 से अधिक लोग जख्मी भी हुए थे. इस विस्फोट की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट आतंकी ग्रपु की खुरासान यूनिट (IS-K) ने ली थी. इससे पहले साल 2021 में पाकिस्तान में 267 आतंकी वारदातें हुईं.
ये भी पढ़ें: