विश्व

Pakistan Economic Crisis Pakistani Rupees Value In One Dollars Lower Than Nepal Currency

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान में आर्थिक तंगी का दौर जारी है. शहबाज शरीफ की सरकार दुनियाभर के सामने आर्थिक मदद के लिए हाथ फैला रहे हैं. कुछ देशों से मदद के बावजूद देश की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. देश में विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी की वजह से हालात और खराब होते जा रहे हैं. डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी करेंसी (Pakistani Currency) की कीमत लगातार घटने से मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

पाकिस्तान में भी नेपाल और श्रीलंका जैसी स्थिति बन रही है. महंगाई (Pakistan Inflation) के कोहराम के बीच रोजाना उपयोग होनी वाली जरूरी चीजें भी लोगों की पहुंच से बाहर हो रही हैं.

पाकिस्तानी रुपये की हालत खराब

पाकिस्तानी करेंसी का बहुत ही बुरा हाल है. पाकिस्तानी रुपया (Pakistani Rupees) डॉलर के मुकाबले 230.93 रुपये के नीचले स्तर पर पहुंच गया है. बीते तीन महीनों के अंदर पाकिस्तानी रुपये के दाम में डॉलर के मुकाबले 12 रुपये से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. पिछले साल अक्टूबर में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत 217.79 आंकी गई थी.

news reels

पड़ोसी देशों की करेंसी की कीमत

• मौजूदा वक्त में 1 डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत 217.79 है
• 1 डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 81.62 पर है
• 1 डॉलर के मुकाबले नेपाली रुपया 130.34 पर है
• 1 डॉलर के मुकाबले श्रीलंका रुपया 363.11 पर है
• 1 डॉलर के मुकाबले बांग्लादेशी टका 103.34 पर है

क्यों बिगड़ी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था?

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल, विदेशी कर्ज का बोझ और विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी से अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. देश में पिछले साल आई बाढ़ भी इस बदहाली के लिए जिम्मेदार है. आसमान छूती महंगाई से आम लोगों का बुरा हाल है. देश में ऊर्जा संकट भी बड़ी चुनौती है. हाल के दिनों में देश के कई शहरों ब्लैकआउट की स्थिति गंभीर बदहाली की ओर संकेत करते हैं.

क्या IMF से मिलेगी मदद?

पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक संकट इतना गहरा गया है कि अगर तुरंत आर्थिक सहायता नहीं मिली तो देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट होकर दिवालिया होने की कगार पर खड़ा हो सकता है. पाकिस्तान के पास आयात करने के लिए महज कुछ ही दिनों के लिए विदेशी मुद्रा भंडार बचा है. अब पाकिस्तान को आईएमएफ (IMF) से राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन बिना शर्तों को पूरा किए वो भी मदद के लिए तैयार नहीं दिख रहा है.

ये भी पढ़ें:

Pakistan Crisis: कंगाली से उबरने के लिए पाकिस्तान में कर्मचारियों की कटेगी 10 फीसदी सैलरी, मंत्रियों को लेकर भी शहबाज सरकार का बड़ा फैसला

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button