भारत पाक युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका, आज मिला राष्ट्रपति सम्मान, जानें 45 स्क्वाड्रन की खासियत | PRESIDENT Droupadi Murmu presents President’s Standard AND COLOURS TO 45 Squadron, 221 Squadron KNOW ITS features


राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भारतीय वायुसेना की चार इकाइयों को प्रेसिडेंट स्टैंडर्ड और कलर्स से सम्मानित किया.
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भारतीय वायुसेना की चार इकाइयों को प्रेसिडेंट स्टैंडर्ड और कलर्स से सम्मानित करेंगी. राष्ट्रपति फ्लाइंग डैगर्स के नाम से मशहूर 45 स्क्वाड्रन को स्टैंडर्ड और कलर्स से सम्मानित करेंगी जिसने 1971 के भारत-पाक युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उसी के साथ राष्ट्रपति 221 स्क्वाड्रन को भी राष्ट्रपति मानक और 11 बेस रिपेयर डिपो और 509 सिग्नल यूनिट को राष्ट्रपति ध्वज प्रदान करेंगी.
45 स्क्वाड्रन की यह है खासियत
45 स्क्वाड्रन की स्थापना 1959 में हुई थीं. यह फ्लाइंग डैगर्स के नाम से भी मशहूर है. स्क्वाड्रन ने 1960 में पुर्तगाल शासन के खिलाफ गोवा की मुक्ति के लिए ऑपरेशन विजय में भाग लिया था. इसके अलावा,फ्लाइंग डैगर्स ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी अहम भूमिक निभाई थी. स्क्वाड्रन पंजाब और राजस्थान सेक्टरों की वायु रक्षा के लिए जिम्मेदार था. बता दें, मानक और रंग किसी सशस्त्र बल की यूनिट के लिए सर्वोच्च सैन्य सम्मान है. प्रेसिडेंट मानक और कलर्स उसी यूनिट को दिया जाता है जिसका करीब 18 साल से ज्यादा देश की सेवा में कार्यकाल हो और देश के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया हो.
221 स्क्वाड्रन की यह है खासियत
14 फरवरी 1963 को वैम्पायर विमान से सुसज्जित बैरकपुर में 221 स्क्वाड्रन की स्थापना हुई थी, जिसे वैलिएंट्स के नाम से भी जाना जाता है. गठन के करीब दो साल बाद ही स्क्वाड्रन को 1965 के भारत-पाक युद्ध में तैनात किया गया, जहां स्क्वाड्रन ने सराहनीय काम किया. अगस्त 1968 में स्क्वाड्रन Su-7 सुपरसोनिक अटैक फाइटर से सुसज्जित होने वाले पहले स्क्वाड्रनों में से एक था. 1971 के भारत-पाक युद्ध में भी पूर्वी थिएटर कमांड के साथ स्क्वाड्रन ने कंधे से कंधे मिलाकर काम किया. स्क्वाड्रन ने जवाबी कार्रवाई, हवाई सहायता में शानदार काम किया.
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11 बेस रिपेयर डिपो और 509 सिग्नल यूनिट की यह है खासियत
11 बेस रिपेयर डिपो अप्रैल 1974 में अस्तित्व में आया था. स्थापना ओझर, नासिक के रखरखाव कमान के तहत हुई थी. 11 बेस भारतीय वायुसेना का एक प्रमुख और एकमात्र लड़ाकू विमान बेस रिपेयर डिपो ह. डिपो ने सबसे पहले Su-7 विमान की मरम्मत की थी. इसके बाद तो डिपो ने मिग-21, मिग-23 और मिग-29 विमानों के वेरिएंटो सहित तमाम विमानों की मरम्मत की है. 509 सिग्नल यूनिट की स्थापना एक मार्च 1965 में हुई थी. वर्तमान में यह मेघालय में वायु रक्षा दिशा केंद्र के रूप में काम कर रही है. 1971 का बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में यूनिट का योगदान सराहनीय था.