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Joe Biden Disagreed With US Supreme Court Ruling Banning Use Of Race And Ethnicity In University Admission

Joe Biden Slams SC Verdict: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (29 जून) को अपने एक फैसले में विश्वविद्यालयों में दाखिले के दौरान नस्ल और जतीयता का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया. कोर्ट के इस फैसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कड़ी आपत्ति जताई है.

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, राष्ट्रपति बाइडेन ने गुरुवार (29 जून) को कहा कि वह विश्वविद्यालय प्रवेश निर्णयों में नस्ल और जातीयता के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दृढ़ता से असहमत हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला दशकों की मिसाल से दूर चला गया.

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने क्या कहा?

चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने बहुमत की राय में लिखा कि हालांकि एक्शन अच्छे इरादे से लिया गया और अच्छे विश्वास में लागू किया गया लेकिन यह हमेशा के लिए नहीं रह सकता है. उन्होंने यह भी लिखा कि यह दूसरों के प्रति असंवैधानिक भेदभाव है. इसी के साथ चीफ जस्टिस ने लिखा, ”छात्र के साथ एक व्यक्ति के रूप में उसके अनुभवों के आधार पर व्यवहार किया जाना चाहिए, नस्ल के आधार पर नहीं.”

इन लोगों के शैक्षिक अवसरों को बढ़ावा देने वाली प्रैक्टिस को झटका!

रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट के फैसले से दशकों पुरानी उस प्रैक्टिस को बड़ा झटका लगा, जिसने अफ्रीकी-अमेरिकियों और अन्य अल्पसंख्यकों के लिए शैक्षिक अवसरों को बढ़ावा दिया है. एएफपी की रिपोर्ट में कहा गया कि महिला के गर्भपात के अधिकार की गारंटी को पलटने के एक साल बाद कोर्ट ने रूढ़िवादी बहुमत ने 1960 से चली आ रहीं उदार नीतियों को समाप्त करने के लिए फिर से अपनी तत्परता दिखाई है. 

कोर्ट ने और क्या कहा?

अदालत ने कहा कि विश्वविद्यालय किसी आवेदक के बैकग्राउंड विचार करने के लिए स्वतंत्र हैं, चाहे, उदाहरण के लिए वे नस्लवाद का अनुभव करते हुए बड़े हुए हों लेकिन मुख्य रूप से इस आधार पर फैसला लेना कि आवेदक श्वेत है, काला है या अन्य है, अपने आप में नस्लीय भेदभाव है. चीफ जस्टिस ने कहा कि संवैधानिक इतिहास उस विकल्प को बर्दाश्त नहीं करता है.

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