Sant Kabir Nagar Seat: कबीर की कर्भभूमि पर 10 साल से BJP, प्रवीण निषाद को दी हैट्रिक लगाने की जिम्मेदारी | Sant Kabir Nagar Lok Sabha Elections 2024 MP Praveen Nishad BJP Candidate BSP SP Congress Adityanath Modi Akhilesh Mayawati stwar


कबीर की कर्भभूमि पर फहरा रहा है भगवाImage Credit source: tv9 भारतवर्ष
संत कबीर के नाम पर बने जिला और लोकसभा संत कबीर नगर का चुनाव का परिणाम जातीय आधार पर ही तय होता. जिस कबीर ने ताउम्र जात पात धर्म मजहब का विरोध किया उसके नाम पर बने संतकबीर नगर लोकसभा क्षेत्र में जीत-हार का गुणा-भाग जात को आधार बनाकर किया जाता है. संत कबीर नगर में कबीरदास की निर्वाण स्थली ‘मगहर’ इसी क्षेत्र में स्थित है. इसके साथ ही महादेव मंदिर, बखीरा, हशेश्वरनाथ मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं. कभी बुनकरों और जूट उद्योग के लिए प्रसिद्ध संतकबीरनगर में अब औद्योगिक स्थिति खस्ताहाल है. संत कबीर नगर का मुख्यालय खलीलाबाद है.
बात संतकबीर नगर की राजनीति की करें तो यहां बीजेपी लगातार दो बार से जीत दर्ज कर रही है. वर्तमान में अभी प्रवीण कुमार निषाद बीजेपी के सांसद हैं. इससे पहले 2014 में शरद त्रिपाठी ने यहां बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीता था लेकिन जूता कांड के बाद 2019 में बीजेपी ने उनका टिकट काट कर प्रवीण निषाद को मैदान में उतारा था. तब प्रवीण निषाद ने जीत दर्ज की थी. ये वही प्रवीण निषाद हैं जिन्होंने गोरखपुर उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को हराया था.
बीजेपी ने निषाद पार्टी के अध्यक्ष के बेटे को मैदान में उतारा
2019 में बीजेपी ने यहां सांसद शरद त्रिपाठी का टिकट काटकर प्रवीण कुमार निषाद को मैदान में उतारा था. शरद कुमार त्रिपाठी बीजेपी विधायक को ही जूता मारने के बाद चर्चा में थे. इससे उनकी छवि खराब हुई थी साथ ही बीजेपी पर भी सवाल उठ रहे थे. इसके बाद बीजेपी ने यहां अपने सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को उतारा. प्रवीण निषाद इससे पहले 2018 में सपा की टिकट पर 2018 में गोरखपुर का उपचुनाव जीत कर अपनी ताकत दिखा चुके थे. 2019 में जब निषाद पार्टी बीजेपी के साथ आ गई तो बीजेपी ने संजय निषाद के बेटे को अपने चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतारा. प्रवीण निषाद ने तब बसपा के भीष्म शंकर तिवारी को 35,749 वोटों से हराया था. बीजेपी उम्मीदवार को तब 467,543 तो वहीं बसपा को 4,31,794 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस पार्टी के भाल चन्द्र यादव को 1,28,506 वोट मिला था.
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इससे पहले 2014 में यहां शरद त्रिपाठी ने करीब एक लाख वोट (97,978 ) से जीत दर्ज की थी. शरद त्रिपाठी को 3,48,892 जबकि बसपा के भीष्म शंकर (कुशल तिवारी) को 2,50,914 वोट मिले थे.
संतकबीर नगर का राजनीतिक इतिहास
संत कबीर नगर जिला. यह बस्ती से अलग होकर सितंबर 1997 में अस्तित्व में आया. क्योंकि यह महान संत कबीर दास की गतिविधियों का क्षेत्र था इसीलिए इसका नाम ‘संत कबीर नगर’ रखा गया गया. 2008 में हुए परिसीमन के बाद संतकबीर नगर लोकसभा सीट भी बन गया. इसके पहले यह बस्ती और गोरखपुर लोकसभा का हिस्सा हुआ करता था. 2009 में हुए पहले चुनाव में यहां बसपा के भीष्म शंकर तिवारी ने जीत दर्ज की थी. भीष्म शंकर तिवारी ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार भाल चन्द्र यादव को 35,749 वोटों से हराया था. 2014 में यहां हुए दूसरे चुनाव में बीजेपी के शरद त्रिपाठी ने जीत दर्ज की. उन्होंने बसपा के ही भीष्म शंकर (कुशल तिवारी) को हराया था. इसके बाद 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी के प्रवीण निषाद ने जीत दर्ज की है.
संत कबीर नगर का राजनीतिक गणित
2014 की मोदी लहर में यहां से दिग्गज नेता रमापति राम त्रिपाठी के बेटे शरद त्रिपाठी ने बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीता था. 2019 में प्रवीण निषाद ने जीत दर्ज की. प्रवीण निषाद के यहां आने के बाद निषाद जाति का वोट बीजेपी के खाते में आया इसके बाद भी सपा-बसपा गठबंधन ने अच्छी फाइट दी थी. इस लोकसभा क्षेत्र में करीब साढ़े 19 लाख वोटर हैं. इसमें दलित करीब साढ़े चार लाख , ब्राह्मण तीन लाख, क्षत्रिय एक लाख, भूमिहार 50 हजार, कुर्मी वोटर करीब एक लाख हैं. यहां यादव वोटर भी एक लाख से ज्यादा हैं जबकि मुस्लिम वोटर करीब 6 लाख हैं.
बीजेपी ने मौजूदा सासंद पर जताया भरोसा
यूपी की राजनीति को जानने वालों का कहना है कि अगर यहां कांग्रेस बसपा और सपा एक साथ मिलकर चुनाव लड़ती तो बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकती थी. बीजेपी की जो पहली सूची जारी हुई है उसमें संत कबीर नगर से पार्टी ने मौजूदा सांसद प्रवीण निषाद पर ही भरोसा जताया है. तो वहीं समाजवादी पार्टी, बसपा या कांग्रेस ने अभी अपने उम्मीदवार का नाम ऐलान नहीं किया है.