यूपी कांग्रेस की मीटिंग में मायावती का नाम लेने पर किसे डांट पड़ी? | congress meeting bsp mayawati up politics Rahul Gandhi avinash pandey Bharat Nyay Yatra


लखनऊ में कांग्रेस नेताओं की बैठक
कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने यूपी के पार्टी नेताओं से सौ दिन देने की अपील की है. राहुल और प्रियंका गांधी का यही संदेश है. लखनऊ में कांग्रेस नेताओं की बैठक में यूपी के पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने इस संदेश के बारे में अपने साथियों को बताया. उन्होंने कहा कि ये सौ दिन ही लोकसभा चुनाव में पार्टी का भविष्य तय करेगा. पार्टी के सीनियर नेताओं की बैठक में कई फ़ैसले लिए गए.
पार्टी का प्रभारी बनने के बाद अविनाश पांडे का ये पहला यूपी दौरा है. उनसे पहले प्रियंका गांधी के पास ये जिम्मेदारी थी. लखनऊ आने से पहले अविनाश पांडे और प्रियंका गांधी के बीच लंबी बैठक हो चुकी है. दो दिनों के दौरे के पहले दिन अविनाश पांडे ने सबसे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग में सांसद, पूर्व सांसद, विधायक और पूर्व विधायकों को ही बुलाया गया था.
मीटिंग में क्या हुआ?
चुनाव के लिहाज से संगठन को कैसे मजबूत करना है. भारत न्याय यात्रा की तैयारी और उसका मैसेज गांव गांव तक पहुंचाने को लेकर चर्चा हुई. फैसला हुआ कि 11 से 13 और फिर 16 से 18 जनवरी तक कांग्रेस की जोन स्तर पर बैठक होगी. मकर संक्रांति 14 जनवरी को है. उसके ठीक अगले दिन 15 जनवरी को कांग्रेस के नेता अयोध्या जाने वाले हैं. इसलिए उस दिन कोई मीटिंग नहीं रखी गई है. यूपी में कांग्रेस के संगठन के हिसाब से छह हिस्सों में बांटा गया है. पार्टी की इस तरह की बैठकें वाराणसी से लेकर मेरठ तक करने का फैसला हुआ है.
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14 जनवरी से राहुल की भारत न्याय यात्रा
राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा 14 जनवरी से शुरू हो रही है. यात्रा सबसे अधिक दिन यूपी में रहेगी. राज्य के पास जिलों से होकर ये यात्रा गुजरेगी. मीटिंग में फ़ैसला हुआ कि जिन इलाकों में यात्रा नहीं जाएगी, उन इलाकों से भी इसे जोड़ा जाए. इसके लिए उन जिलों के न्याय पंचायतों से कम से कम एक कार्यकर्ता को यात्रा में बुलाने की बात कही गई है.
मायावती का नाम लेने पर किसे पड़ी डांट?
महात्मा गांधी के शहीद दिवस यानी 30 जनवरी तक चार दिनों के लिए कांग्रेस पार्टी एक सांकेतिक यात्रा भी करेगी. यूपी के सभी जिलों में 26 जनवरी से कुछ दूर तक इस तरह की यात्रा आयोजित करने का फैसला हुआ है. दिल्ली की तरह ही लखनऊ में भी कांग्रेस की बैठक में मायावती का ज़िक्र आ गया. मुजफ्फरनगर से पार्टी के एक पूर्व विधायक ने कहा कि हमें समाजवादी पार्टी के बदले बीएसपी से गठबंधन करना चाहिए. बैठक की अध्यक्षता कर रहे अविनाश पांडे ने उन्हें डॉट कर चुप करा दिया.
बीएसपी की गारंटी कौन लेगा?- अखिलेश
उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन समाजवादी पार्टी से है. हम उनके साथ ही चुनाव लड़ेंगे. शनिवार को ही अखिलेश यादव ने कहा कि बीएसपी की गारंटी कौन लेगा. पत्रकारों ने उनसे सवाल किया था कि क्या मायावती से गठबंधन होगा ! दिल्ली में यूपी कांग्रेस के नेताओं की मीटिंग में भी राहुल गांधी ने कमोबेश यही बात कही थी. उस दिन भी कांग्रेस के क़रीब बीस नेताओं ने गठबंधन में बीएसपी को लाने की मांग की थी.