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June 2023 Vrat Festival List Jagannath Yatra Devshayani Ekadashi Bakrid Dates

June 2023 Vrat Festival List: इस साल जून का महीना धार्मिक द्दष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसी माह में कई बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा और खास व्रत-पर्व भी आएंगे.

जून के शुरुआती तीन दिन ज्येष्ठ माह रहेगा फिर पूर्णिमा के बाद आषाढ़ माह आरंभ हो जाएगा. जून के महीने में वट पूर्णिमा व्रत, योगिनी एकादशी, जगन्नाथ यात्रा, देवशयनी एकादशी जैसे बड़े व्रत-त्योहार आएंगे. आइए जानते हैं जून के व्रत-त्योहार की लिस्ट.

जून 2023 व्रत-त्योहार (June 2023 Vrat Tyohar Date)

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  • 1 जून 2023 (गुरुवार) – निर्जला एकादशी व्रत का पारण, प्रदोष व्रत
  • 3 जून 2023 (शनिवार) –  वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
  • 4 जून 2023 (रविवार) –  कबीर जयंती
  • 5 जून 2023 (सोमवार) – आषाढ़ मास प्रारंभ
  • 7 जून 2023 (बुधवार) –  कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी
  • 9 जून 2023 (शुक्रवार) – पंचक प्रारंभ
  • 10 जून 2023 (शनिवार) –  कालाष्टमी
  • 13 जून 2023 (मंगलवार) पंचक समाप्त
  • 14 जून 2023 (बुधवार) – योगिनी एकादशी व्रत
  • 15 जून 2023 (गुरुवार)-  मिथुन संक्रांति, प्रदोष व्रत
  • 16 जून 2023 (शुक्रवार) – मासिक शिवरात्रि
  • 17 जून 2023 (शनिवार) – रोहिणी व्रत, दर्श अमावस्या
  • 18 जून 2023 (रविवार) –  आषाढ़ अमावस्या
  • 19 जून 2023 (सोमवार) – आषाढ़ नवरात्रि (गुप्त नवरात्रि) प्रारंभ
  • 20 जून 2023 (मंगलवार) –  जगन्नाथ रथयात्रा
  • 22 जून 2023 (गुरुवार) –  विनायक चतुर्थी
  • 25 जून 2023 (रविवार) –  भानु सप्तमी का व्रत
  • 28 जून 2023 (बुधवार) –  ईद-अल-अज़हा (बकरीद)
  • 29 जून 2023 (गुरुवार) –  गौरी व्रत प्रारम्भ, देवशयनी एकादशी
  • 30 जून 2023 (शुक्रवार) –  देवशयनी एकादशी पारण, वासुदेव द्वादशी

जून में आएंगे खास व्रत-पर्व

जगन्नाथ यात्रा – पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर भारत के चार पवित्र धामों में से एक है. हर साल अषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वतीया तिथि जगत के नाथ (जगन्नाथ) भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर भ्रमण पर निकलते हैं. मान्यता है इस रथ यात्रा में भाग लेने वालों को सौ यज्ञ करने का फल प्राप्त हो जाता हैं.

देवशयनी एकादशी – साल की सभी एकादशी में आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी कि देवशयनी एकादशी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन जगह के पालनहार विष्णु जी योग निद्रा में चल जाते हैं और सृष्टि का भार शंकर भगवान पर होता है. देवशयनी एकादशी के बाद से 4 माह तक मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है, क्योंकि इस दिन से चतुर्मास शुरू होते हैं.

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि – आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि शुरू होती हैं, गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की उपासना का विधान है. तांत्रिक और अघोरियों के लिए गुप्त नवरात्रि विशेष महत्व रखती है.

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