Sudans Capital Khartoum Witness Heavy Gun Firing Between Army And Paramilitary Rapid Force Death Toll

Khartoum Violence: सूडान की राजधानी खार्तूम में शनिवार (15 अप्रैल) को भीषण गोलाबारी और विस्फोट हुआ. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच हुए संघर्ष के बाद सूडान के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानें बंद कर दी गई हैं. वहां विमानों में भी आग लगी है. सेना मुख्यालय और केंद्रीय खार्तूम में रक्षा मंत्रालय के हुई इस घटना में लोगों ने गोलियों की आवाज भी सुनी.
अर्धसैनिक बलों और सेना के बीच जारी जंग को देखते हुए वहां मौजूद भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. भारत सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में अपने नागरिकों से कहा कि वे घरों के अंदर ही रहें. रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ते तनाव के बीच शहर के विभिन्न स्थानों पर सैनिकों को तैनात कर दिया गया है. गौरतलब है कि सूडान में अर्धसैनिक बल और रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच तनाव पिछले कुछ दिनों में बढ़ गया है. विवाद के वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थित समझौते पर हस्ताक्षर करने में देरी हो रही है.
भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी
सूडान की राजधानी खार्टूम में स्थति भारतीय दूतावास ने एक ट्वीट में कहा है कि जारी तनाव के बीच सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, घर के अंदर रहने और तत्काल प्रभाव से बाहर निकलने से रोकने की सलाह दी जाती है. आगे कहा गया है कि आप सभी कृपया शांत रहें और नए अपडेट का इंतजार करें.
‘सेना ने किया हमला’
आरएसफ के अनुसार, शनिवार को सेना के दक्षिण खार्तूम में मौजूद ठिकानों पर हमला किया गया है. हमले में हल्के और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया. रैपिड सपोर्ट फोर्स ने खार्तूम के सोबा में सेना के एक बड़े दल के कैंप में घुसने का प्रयास किया. इसके साथ ही अर्धसैनिक बलों की घेराबंदी की गई.
सेना ने अर्धसैनिक बलों को बताया जिम्मेदार
सूडान की सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि अर्धसैनिक बलों ने सैन्य ठिकानों पर हमला किया है. ब्रिगेडियर-जनरल नबील अब्दुल्ला ने कहा कि रैपिड सपोर्ट फोर्स के लड़ाकों ने खार्तूम और सूडान के आसपास कई सैन्य शिविरों पर हमला किया है. संघर्ष जारी है और सेना देश की सुरक्षा के लिए अपना कर्तव्य निभा रही है.
विवाद की असल वजह
सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच के विवाद बढ़ता जा रहा है. इस विवाद की वजह सूडान की सेना का ये मानना है कि अर्धसैनिक बल के तहत आने वाली रैपिड सपोर्ट फोर्स को सेना में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. उधर रैपिड सपोर्ट फोर्स खुद को सेना का दर्जा देता है.