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UP: अब हाउस-वाटर टैक्स दिए बिना रह नहीं पाएंगे, हाईटेक और इंटीग्रेटेड टाउनशिप वालों को झटका!

UP: अब हाउस-वाटर टैक्स दिए बिना रह नहीं पाएंगे, हाईटेक और इंटीग्रेटेड टाउनशिप वालों को झटका!

AI जनरेटेड इमेज.

उत्तर प्रदेश की हाईटेक और इंटीग्रेटेड टाउनशिप में रहने वालों को अब गृह और जल कर देना होगा. सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. इस फैसले के बाद अब नगर निकाय, हैंडओवर हुए बिना भी टाउनशिप में रहने वालों से संपत्ति (गृह व जल कर) की वसूली कर सकेंगे. आवास विभाग की ओर से शासनादेश जारी होने पर यह व्यवस्था लागू हो जाएगी. प्रदेश में इस समय सात हाईटेक और 50 से अधिक इंटीग्रेटेड टाउनशिप बस चुकी हैं.

उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 की मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक, विकास कार्य पूरा करने के बाद ही इसे नगर निकायों को हैंडओवर करने का प्रावधान है. कई टाउनशिप तय समय में पूरी न होने से हैंडओवर नहीं हो पा रही हैं. इससे नगर निकाय यहां रहने वाले लोगों से टैक्स नहीं वसूल पा रहे थे. चालू व्यवस्था के कारण राजस्व का नुकसान होने से हाईटेक व इंटीग्रेटेड टाऊनशिप में पूरी नहीं मिल पा रही हैं. इसे देखते हुए सरकार ने व्यवस्था में संशोधन किया है. नई व्यवस्था में तय समय पर पूरा नहीं होने के बावजूद टाउनशिप में रहने वालों से गृह और जलकर की वसूली की जा सकेगी.

नगर निगम और पालिका परिषद अधिनियम में भवन बनने के बाद रहने वालों से हाउस टैक्स लेने का प्रावधान है. इसीलिए आवास विभाग विभाग ने उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति के तहत स्वीकृत परियोजनाओं और विकास प्राधिकरणों द्वारा स्वीकृत या संचालित अन्य आवासीय परियोजनाओं के तहत बनी टाउनशिप में रहने वालों से हाउस व वाटर टैक्स लेने की सुविधा दे दी है.

निकायों के टैक्स लेने के बाद प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्थित आवासीय कॉलोनियों में रहने वालों को भी अब साफ-सफाई, मार्ग प्रकाश, सीवरेज जैसी गुणवत्तापूर्ण नागरिक सुविधाएं मिलेंगी. हाईटेक टाउनशिप में न्यूनतम 1,500 एकड़ भमि पर योजना लाने की अनुमति दी गई है. इंट्रीग्रेटेड टाउनशिप में 25 एकड़ से 500 एकड़ और उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 में दो लाख से कम आबादी वाले शहरों में 12.5 एकड़ व बड़े शहरों में टाउनशिप बनाने के लिए न्यूनतम 25 एकड़ क्षेत्रफल तय किया गया है.



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