Supreme Court Said No ED CBI Misused Power Against 14 Opposition Parties Congress RJD DMK AAP Plea ANN | CBI-ED के खिलाफ 14 विपक्षी पार्टियों की याचिका सुनने से SC ने मना किया, कहा

Supreme Court On Investigation Agency: जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली 14 विपक्षी पार्टियों की याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राजनीतिक नेताओं को आम नागरिक से अलग दर्जा नहीं दिया जा सकता. कानूनी प्रक्रिया सबके लिए एक समान है.
सुप्रीम कोर्ट में जिन पार्टियों ने याचिका दाखिल की थी, वह है- कांग्रेस, डीएमके, आरजेडी, जेडीयू, तृणमूल कांग्रेस, आप, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, बीआरएस, एनसीपी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और नेशनल कांफ्रेंस. इन पार्टियों ने कहा था कि सीबीआई और ईडी के ज़रिए लगातार विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट गिरफ्तारी और ज़मानत पर दिशानिर्देश तय करे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विचार करने से मना कर दिया.
विपक्ष ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता पार्टियों के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राजनीतिक नेताओं पर केस लोकतंत्र के लिए खतरा है. इस पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, “यह राजनीतिक लड़ाई है. उसे वहीं लड़िए. इस लड़ाई की जगह सुप्रीम कोर्ट नहीं है. अगर किसी नेता को व्यक्तिगत समस्या है तो उसे हमारे सामने रखा जा सकता है, लेकिन आप यह नहीं कह सकते की नेताओं को गिरफ्तारी से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट दिशानिर्देश जारी कर दे.
कोर्ट ने क्या कहा?
सिंघवी ने 2014 के बाद विपक्ष के नेताओं पर दर्ज मुकदमों का आंकड़ा कोर्ट में रखा, लेकिन कोर्ट ने कहा, “इन आंकड़ों से कोई असर नहीं पड़ता. नेताओं के लिए कोई अलग व्यवस्था नहीं बनाई जा सकती. क्या कोई यह कह सकता है कि अगर किसी राजनीतिक व्यक्ति पर हजारों लोगों से आर्थिक धोखा करने या किसी और गंभीर अपराध का आरोप हो तो उसकी गिरफ्तारी न की जाए?” जजों के रुख को देखते हुए सिंघवी ने याचिका वापस ले ली.
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