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Taliban: तालिबान ने महिला संचालित रेडियो स्टेशन को बंद किया, रमजान में संगीत बजाने पर लिया गया एक्शन


<p style="text-align: justify;"><strong>Afghanistan:</strong> अफगानिस्तान पर अगस्त 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद से महिलाओं को लेकर नए नए फरमान जारी किए जा रहे हैं. महिलाओं पर कई प्रकार के कानून थोपे गए हैं. इसी बीच रमजान माह में महिलाओं को लेकर एक नई खबर सामने आई है. दरअसल, अफगान में महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे एक रेडियो स्टेशन को बंद कर दिया गया है. हुक्मरानों को रमजान के दौरान रेडियो स्टेशन द्वारा बजता संगीत पसंद नहीं आया. इस वजह से यह फैसला लिया गया है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अफगानिस्तान में महिलाओं द्वारा संचालित सदाई बनोवन नामक रेडियो स्टेशन को बंद किया गया है. सदाई बनोवन महिलाओं की आवाज होता था. इस रेडियो स्टेशन में कुल आठ स्टाफ थे, जिनमें छह महिला कर्मचारी थीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह रेडियो स्टेशन दस साल पहले शुरू हुआ था. इससे पहले भी रमजान के दौरान संगीत बजते थे लेकिन इस तरह की कोई आपत्ति नहीं हुई.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रेडियो स्टेशन पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस मामले को लेकर बदख्शन प्रांत में सूचना एवं संस्कृति के निदेशक मोइज़ुद्दीन अहमदी ने कहा कि रेडियो स्टेशन ने रमजान के दौरान गाने और संगीत बजाकर कई बार इस्लामी अमीरात के कानूनों और नियमों का उल्लंघन किया. उन्होंने आगे कहा कि अगर यह रेडियो स्टेशन इस्लामी अमीरात की नीति को स्वीकार करता है और गारंटी देता है कि वह ऐसी हरकत दोबारा नहीं दोहराएगा, तब हम इस पर से प्रतिबन्ध हटाने का विचार करेंगे.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रेडियो स्टेशन ने आरोपों का किया खंडन&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">उधर रेडियो स्टेशन प्रमुख नाजिया सोरोश ने कहा कि हमारे ऊपर लगे आरोप बेबुनियाद हैं. हमने किसी तरह के कानूनों का उल्लंघन नहीं किया. हमारे स्टेशन पर एक्शन लेने की कोई जरूरत नहीं थी. हमें टारगेट किया गया है. हमने किसी भी तरह का संगीत प्रसारित नहीं किया है. सोरोश ने मांग करते हुए कहा कि सरकार के प्रतिनिधि हमारे पास आएं और हमारे खिलाफ कोई सबूत दिखाएं. बिना किसी सूचना के इसे बंद नहीं किया जा सकता. गौरतलब है कि इससे पहले, तालिबान ने महिलाओं को विश्वविद्यालय सहित छठी कक्षा से आगे की पढ़ाई और रोजगार पर भी रोक लगा दी थी.</p>
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