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Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर लॉ कमीशन ने बेसिक फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है, जिसमें लैंगिक समानता पर सबसे अधिक जोर दिया है. लॉ कमीशन को अब तक करीब साढ़े 9 लाख सुझाव मिले हैं. यूसीसी के बेसिक फ्रेमवर्क के मुताबिक, सभी को शादियां रजिस्टर्ड करनी होंगी लेकिन ट्राइबल्स को जरूरी रियायतें मिलेंगी. इसके साथ ही मुस्लिम महिलाओं को गुजारे भत्ता का अधिकार भी मिलेगा. इसके साथ ही सभी को अडॉप्शन का अधिकार दिया जाएगा. 

यूसीसी के लिए तैयार बेसिक फ्रेमवर्क के अनुसार, बहुविवाह पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी. इसके अलावा इद्दत और हलाला पर भी रोक लगेगी. उत्तराधिकार में लड़की और लड़के दोनों को बराबर का हिस्सा मिलेगा. पति की मौत होने और बेटा न होने की सूरत में मुस्लिम महिला को संपत्ति का पूरा हिस्सा मिलेगा. इसके साथ ही पति के भाइयों को हिस्सा नहीं मिलेगा. वहीं सुझाव के आधार पर इसमें संशोधन भी किए जा सकेंगे. 

बेसिक फ्रेमवर्क में क्या-क्या है शामिल

बेसिक फ्रेमवर्क के मुताबिक, लिव इन रिलेशनशिप का जिक्र नहीं होगा. इसे डिस्करेज किया जाएगा. सभी को अडॉप्शन का अधिकार दिया जाएगा. मुस्लिम महिलाओं को भी यह अधिकार मिलेगा. शादी की उम्र 21 और 18 साल ही रखने पर सहमति जताई गई. तलाक के एक जैसे आधार होंगे, जो आधार पुरुष के लिए होगा, वही स्त्री के लिए भी होंगी. गार्डियनशिप से जुड़े कानूनों को आसान किया जाएगा. 

पूजा, नमाज़ और शादी विवाह के तौर तरीक़ों पर कोई रोक नहीं, सभी अपने धार्मिक नियमों का पालन कर सकेंगे. एचयूएफ पर कोई रोक नहीं होगी, ये एक टैक्सेशन का प्रावधान है जो पहले की ही तरह कायम रहेगा. ट्राइबल्स को पर्सनल लॉज में मामलों में रियायत दी जाएगी. सुझावों के आधार पर इस बेसिक फ्रेमवर्क में और भी जरूरी संशोधन किए जाएंगे.

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