UP:गरीबों को घर बनाने के लिए राजस्व विभाग ने दी जमीन, एसडीएम ने चलवाया बुलडोजर | Kannauj Illegal construction Bulldozer running lease given on drain land


कन्नौज में चला बुलडोजर
उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक हैरान कर देने वाली घटना हुई है. यह राजस्व विभाग के अधिकारियों ने गरीबों को घर बनाने के लिए जमीन दी, लेकिन जैसे ही घर का निर्माण कार्य मुकाम तक पहुंचने से पहले ही एसडीएम की टीम ने बुलडोजर चलवा दिया. यह मामला कन्नौज जिले के ठठीया का है. तहसील प्रशासन का कहना है कि मकान नाले की जमीन पर बनाए जा रहे थे. इसकी वजह से कस्बे से पानी की निकासी बंद हो गई थी. जबकि पीड़ितों का कहना है कि उन्हें यह जमीन राजस्व विभाग के अधिकारियों ने पैमाइश के बाद दी थी.
जानकारी के मुताबिक ठठीया कस्बे में गंदे पानी के साथ ही बरसाती पानी की निकासी के लिए 18 फीट चौड़ा नाला छोड़ा गया है. इस नाले के लिए छोड़ी गई जमीन का उल्लेख सरकारी अभिलेखों में भी है. पिछले दिनों क्षेत्रीय लेखपाल और राजस्व निरीक्षक की टीम ने यह जमीन की पैमाइश की और नाले के लिए छोड़ी गई जमीन के बाहर आवासीय पट्टे बांटे. पट्टा मिलने के बाद तीन लोगों ने जमीन पर मिट्टी का भराव करने के बाद मकान के निर्माण का काम शुरू भी कर दिया था.
एसडीएम ने चलवाया बुलडोजर
अभी 30 फीसदी तक काम हुआ था कि बारिश हो गई और पहली ही बारिश में कस्बे में जलभराव हो गया. जब बरसाती पानी लोगों के घरों में घुसने लगा तो लोगों ने डीएम से शिकायत की. यहां तक कि समाधान दिवस में शिकायत देने के साथ सदर विधायक एवं मंत्री असीम अरुण को ज्ञापन दिया. इसके बाद जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एक्शन के लिए एसडीएम को भेजा. एसडीएम ने भी जमीन की पैमाइश कराई और तीनों निर्माणाधीन घरों को नाले की जमीन पर बताते हुए बुलडोजर से गिरवा दिया.
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एक एकड़ जमीन पर बनी दीवार गिराई
इस दौरान स्थानीय लोगों ने एसडीएम को बताया कि नाले की जमीन पर राजस्व विभाग की टीम की सांठगांठ से कई और पक्के भवन और दुकानें बनाई गई हैं. इस शिकायत के बाद एसडीएम ने राजस्व निरीक्षक को कब्जा हटवाने के निर्देश दिए. इसके बाद राजस्व टीम के साथ बृक्षारोपण के लिए हुए पट्टे में बाउंड्री वॉल के निर्माण की शिकायत मिलने पर कुरियाना गांव पहुंचे एसडीएम ने लगभग 1 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई दीवार को गिरवा दिया.
मीडियाकर्मियों से झड़प
अब स्थानीय लोगों द्वारा सवाल उठाया जा रहा है कि एक महीने पहले जिस जमीन को वैध बताते हुए राजस्व विभाग ने पट्टा जारी किया, अब वह अवैध कैसे हो गई. इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर एसडीएम की मीडिया कर्मियों के साथ झड़प भी हुई. उधर, पीड़ित रामनिवास और घनश्याम ने बताया कि राजस्व विभाग की टीम ने पैमाइश के बाद पट्टे की जमीन दी थी. उन लोगों ने जीवन भर की कमाई लगाकर निर्माण किया, लेकिन एसडीएम ने मनमानी करते हुए मकान को गिरवा दिया. पीड़ितों ने कहा कि यदि गलत जमीन पर पट्टा दिया गया था तो इसके लिए जिम्मेदार राजस्व विभाग के अधिकारी हैं, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई के बजाय गरीबों का घर गिराया गया है.