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Vijaya Ekadashi 2023 Vrat Parana Muhurat Vidhi Ekadashi Fast Breaking What To Eat What Not

Vijaya Ekadashi 2023 Vrat: मोक्ष प्राप्ति के लिए एकादशी व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है. फाल्गुन महीने की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है. 16 फरवरी 2023 को विजया एकादशी का व्रत रखने वाले 17 फरवरी को व्रत का पारण करेंगे. शास्त्रों में जितना महत्व एकादशी व्रत का बताया गया है उतना ही उसके व्रत पारण को लेकर भी विस्तार से वर्णन किया गया है. कहते हैं एकादशी व्रत का पारण सही मुहूर्त और सही विधि से न किया जाए तो व्रती को पूजन का फल नहीं मिलता. आइए जानते हैं विजया एकादशी व्रत पारण का मुहूर्त और कैसे खोलें व्रत.

विजया एकादशी 2023 व्रत पारण समय (Vijaya Ekadashi 2023 Vrat Parana time)

17 फरवरी को द्वादशी तिथि पर विजया एकादशी व्रत का पारण करने वाले सुबह 08 बजकर 01 से सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक कर सकते हैं. वहीं 17 फरवरी को व्रत रखने वाले 18 फरवरी को व्रत का पारण करेंगे, इसके लिए सुबह 07 बजकर 01 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट तक शुभ मुहूर्त है.

विजया एकादशी व्रत पारण नियम (Ekadashi Vrat Parana Niyam)

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शास्त्रों के अनुसार विजया एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद और द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले ही किया जाता है. कहते हैं कि अगर पारण द्वादशी तिथि के बाद किया जाए, तो व्यक्ति पाप का भागीदार होता है.

विजया एकादशी व्रत पारण में क्या खाएं (Ekadashi Vrat Parana Vidhi)

  • विजया एकादशी व्रत का पारण वैसे तो पूजा में चढ़ाए प्रसाद से ही करना चाहिए लेकिन कहते हैं कि आंवला खाकर एकादशी व्रत खोलने वालों को सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है. आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु का वास होता है, इसलिए आंवले का भी विशेष महत्व होता है. इसे श्रीहरि का प्रिय फल माना गया है.
  • तुलसी को विष्णु प्रिया माना गया है. एकादशी का पूजन तुलसी के बिना अधूरा माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार  बिना तुलसी के श्रीहरि भोग ग्रहण नहीं करते इसलिए व्रत पारण करते समय भी तुलसी जरुर मुख में डालें. इससे व्रत पूर्ण माना जाता है.
  • सेम की सब्जी को कफ और पित्त नाशक माना गया है और व्रत पारण के लिहाज से भी यह उत्तम माना गया है. ऐसे में सेम धार्मिक और स्वास्थ्य के हिसाब से बेहतर पारण भोज्य माना गया है.
  • विजया एकादशी व्रत का पारण करने के लिए जो भी भोजन बनाए उसे घी से ही पकाएं. घी को सबसे शुद्ध पदार्थ माना गया है और ये सेहत के लिए भी अच्छा होता है.
  • एकादशी व्रत के पारण पर चावल जरूर खाना चाहिए. मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से प्राणी रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म पाता है, लेकिन द्वादशी को चावल खाकर व्रत का पारण करने से इस योनि से मुक्ति भी मिल जाती है.

विजया एकादशी व्रत खोलते समय न खाएं ये चीज

मूली, बैंगन, साग, मसूर दाल, लहसुन-प्याज आदि का पारण में वर्जित है. बैंगन पित्त दोष को बढ़ाता है और उत्ताजनावर्द्धक होता है, मूली की तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह व्रत के ठीक बाद सेहत को नुकसान पहुंचाती है. लहसुन-प्याज तामसिक भोजन माना गया है.  माना जाता है कि इसे खाने से उत्तेजना, क्रोध, हिंसा और अशांति की भावना उत्पन्न होता है.

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