UP: युवक की मौत पर चित्रकूट में बवाल, घरवाले बोले पुलिस ने कस्टडी में मार डाला, 4 सस्पेंड | Chitrakoot Ruckus in Muharram procession case of murder in custody relatives of deceased Kotwal suspended


चित्रकूट: पुलिस कस्टडी में मौत का आरोप लगाकर हंगामा करते लोग
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में एक युवक की संदिग्ध मौत पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा. जिले के आर्यनगर निवासी युवक अंशू कुमार को पुलिस ने रविवार को हिरासत में लिया था, लेकिन उसका शव रेलवे ट्रैक पर मिला है. परिजनों का आरोप है कि युवक की मौत पुलिस कस्टडी में हुई है और उसे थर्ड डिग्री टार्चर किया गया है. जबकि पुलिस का कहना है कि अंशु को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था. पुलिस ने उसकी मौत को एक्सिडेंट करार देने की कोशिश की है. इस घटना को लेकर परिजनों में काफी आक्रोश है. सोमवार को लोगों ने सड़क जाम कर दिया था.
इस घटना को लेकर राजनीति गरमाने लगी तो डीएम और एसपी भी मौके पर पहुंचे. इसके बाद कोतवाल समेत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. पुलिस के मुताबिक रविवार की शाम मानिकपुर कस्बे में मुहर्रम का जुलूस निकल रहा था. इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि अंशु आरख नाम का युवक शराब के नशे में अर्धनग्न होकर गलत हरकतें कर रहा है. इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची उसे हिरासत में लेकर थाने आ गई. आरोप है कि अंशु कुछ देर बाद ही थाने से फरार हो गया. यह घटना थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई है.
पनहाई रेलवे स्टेशन के पास मिला शव
कुछ देर बाद पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक की पनहाई रेलवे स्टेशन के आउटर पर ट्रेन से कट कर मौत हुई है. इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव की शिनाख्त के लिए उसकी फोटो सोशल मीडिया पर डाल दिया. परिजनों को इसकी खबर मिली तो उन्होंने मौके पर पहुंच कर शव का शिनाख्त कराया और पुलिस पर कस्टडी में टार्चर करने और हत्या करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. आक्रोशित लोग सड़क पर जाम लगाकर बैठ गए. हालात नियंत्रण से बाहर होते देख मौके पर चार थानों की पुलिस फोर्स बुला ली गई.
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डीएम एसपी भी मौके पर पहुंचे
इतने में मौके पर पहुंचे बजरंग दल के सदस्यों ने घटना को संप्रादायिक रंग देने की कोशिश की. खबर मिलने पर मौके पर पहुंचे डीएम शिवशरणप्पा व एसपी अरुण कुमार सिंह ने तत्काल प्रभाव से कोतवाल विनोद कुमार शुक्ला समेत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इसके बाद माहौल थोड़ा शांत हुआ. पुलिस के मुताबिक ट्रेन के ड्राइवर ने स्टेशन में रिपोर्ट दी है. बताया है कि युवक दौड़ते हुए रेलवे ट्रैक पर आया था. हार्न बजाने के बाद भी वह पटरी से नहीं हटा और ट्रेन की चपेट में आ गया.
इस लिए हुआ सस्पेंशन
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक युवक को हिरासत में लेने की घटना जीडी में दर्ज नहीं की गई है. यहां तक कि उसे कस्टडी से भागने की घटना के बाद भी ना तो इस संबंध में उच्चाधिकारियों को बताया गया और ना ही युवक के परिजनों को सूचित किया गया. यह पुलिस कर्मियों की लापरवाही को उजागर करता है. इस लापरवाही को देखते हुए कोतवाल समेत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कियाग या है. चित्रकूट एसपी अरुण कुमार सिंह के मुताबिक मामले की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई होगी.
यह है मामला
पुलिस के मुताबिक अंशू रविवार को एक ढाबे के पास ट्रक वालों से वसूली कर रहा था. इसके बाद उसने रेलवे स्टेशन पर कुछ वेंडरों और दुकानदारों के साथ भी झगड़े किए. फिर वह मुहर्रम के जुलूस में भी जाकर हंगामा करने लगा. जुलूस में शामिल लोगों की सूचना पर ही पुलिस उसे पकड़ कर थाने लाई थी. हालांकि पुलिस ने पहले दावा किया कि अंशु कस्टडी से भाग गया था. बाद में पुलिस ने बयान दिया कि पूछताछ के बाद उसे थाने से छोड़ दिया गया था. जबकि परिजनों का कहना है कि देर रात अंशु के संबंध में फोन पर पुलिस से बात हुई थी. उस समय कहा गया था कि सुबह तक उसे छोड़ा जाएगा, लेकिन सुबह होने से पहले ही उसका शव रेलवे ट्रैक पर मिल गया.
राजनीति भी शुरू
घटना की जानकारी होने पर धरना स्थल पर सपा के जिलाध्यक्ष शिवशंकर यादव, पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल आदि पहुंचे थे. इतने में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं भी आ गए. हिन्दू संगठन के लोग इस मामले में मुहर्रम के जुलूस में शामिल लोगों पर भी कार्रवाई की मांग कर रहे थे, जबकि सपा नेता मामले की जांच रिटायर्ड जज से कराने की मांग कर रहे थे. इस बात को लेकर दोनों पक्षों में तीखी नोंकझोंक भी हुई. राजनीति गरमाते देख एसडीएम पंकज वर्मा व अपर एसपी चक्रपाणि त्रिपाठी ने दोनों पक्षों को समझा कर वहां से हटाया.