UP: जमीन घोटाले की जांच कर रहे लेखपाल की हत्या, नाले में मिला शव


बरेली में लेखपाल की हत्या
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. फरीदपुर तहसील के लेखपाल मनीष चंद कश्यप, जो 27 नवंबर से रहस्यमय तरीके से लापता थे, उनका शव रविवार को कैंट क्षेत्र के बभिया गांव के नाले के किनारे से सड़ी-गली हालत में बरामद हुआ. इस घटना के बाद से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है. लेखपाल के परिजनों ने दावा किया कि मनीष चंद कश्यप 250 बीघा ग्राम समाज की जमीन पर हो रहे घोटाले का पर्दाफाश करने वाले थे. उनकी पहचान पुलिस ने कपड़ों से की है.
मनीष ने कटरी क्षेत्र में भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जे की रिपोर्ट तैयार की थी और इसे शासन को भेजने वाले थे. 27 नवंबर को मनीष घर से लापता हो गए थे जिसके बाद से उनके परिजनों ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने टीमें गठित करके मनीष की तलाश शुरू कर दी थी. लगातार चल रही तलाश और मिले सबूतों के मुताबिक पुलिस ने अवधेश और ओमवीर नाम के आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस लगातार इन आरोपियों से पूछताछ कर रही थी. एसओजी सर्विलांस और साइबर सेल की पूछताछ में आरोपियों ने मनीष के शव को कहां ठिकाने लगाया था बताया है.
हत्या का खुलासा
पुलिस की पूछताछ में ओमवीर और अवधेश ने उनकी हत्या से जुड़े कई खुलासे किए हैं. आरोपी अवधेश की निशानदेही के बाद ही पुलिस बभिया गांव के नाले तक पहुंची और मनीष की शव बरामद किया. आरोपी ने बताया कि 27 नवंबर को दोनों आरोपी मनीष को को अपने साथ ले गए थे. उन्होंने पैसे के लालच में मनीष का अपहरण करने का प्लान बनाया था. आरोपियों ने 28 नवंबर को मनीष को शराब पिलाई और मफलर से उनका गला घोंट कर उन्हे मार डाला था. हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए आरोपियों ने मनीष के शव को कैंट के बभिया गांव के पास नाले में फेंक दिया गया.
आरोपी के घर से बरामद मनीष की चीजें
लेखपाल मनीष कश्यप की हत्या के मामले में पुलिस ने बताया कि आरोपी ओमवीर के घर से पुलिस को लेखपाल मनीष की मोहर, लेटर पैड के साथ अन्य कागजात भी मिले हैं. पुलिस ने जब आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की तब जाकर मनीष की हत्या का खुलासा हो सका है. इससे पहले कैंट थाना के मिर्जापुर गांव के नाले से एक शव बरामद हुआ था. अब मनीष का शव बरामद हुआ है.