भारत

Who is next CM of Delhi and Manipur BJP will appoint two chief Ministers after PM Modi US Visit

करीब 26 साल के बाद दिल्ली जीतने वाली बीजेपी के सामने अब चुनौती है दिल्ली के मुख्यमंत्री का नाम तय करने की. बीजेपी को अभी एक नहीं बल्कि दो-दो मुख्यमंत्रियों का नाम तय करना है और दिल्ली के बाद दूसरा मुख्यमंत्री तय करना और भी मुश्किल है, क्योंकि जो भी उस कुर्सी पर बैठेगा उस पर देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजर होगी. 

दिल्ली में जीत के बाद इतना तो तय है कि बीजेपी के आलाकमान को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री तय करना है. अब दिल्ली के मुख्यमंत्री की रेस में नाम तो प्रवेश वर्मा से लेकर कपिल मिश्रा और सतीश उपाध्याय से लेकर मोहन सिंह बिष्ट, विजेंद्र गुप्ता, आशीष सूद और पवन शर्मा शामिल हैं. हालांकि, दिल्ली का मुख्यमंत्री इन नामों के अलावा भी कोई हो सकता है, क्योंकि जब से बीजेपी के आलाकमान का मतलब पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह हुआ है, तब से बीजेपी मुख्यमंत्री के नाम पर हमेशा ही चौंकाती आई है. वो बात चाहे महाराष्ट्र की हो या फिर हरियाणा की, वो बात चाहे राजस्थान की हो या फिर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से लेकर ओडिशा तक की, बीजेपी में मुख्यमंत्री का नाम हमेशा चौंकाने वाला रहा है और वही नाम रहा है, जो मीडिया की सुर्खियों से दूर रहा है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री का नाम तो जो होगा, वो 14 फरवरी के बाद ही सामने आएगा, क्योंकि उस वक्त प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस और अमेरिका के दौरे पर हैं और 14 फरवरी को उनकी वतन वापसी है. बीजेपी के लिए इससे भी मुश्किल काम है मणिपुर का मुख्यमंत्री चुनना. मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे एन बीरेन सिंह ने अचानक से इस्तीफा दे दिया है. 3 मई 2023 से ही मणिपुर में शुरू हुई मैतेई और कुकी के बीच की हिंसा की आग को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह संभाल नहीं पाए. हिंसा के बाद से ही पूरा विपक्ष एक सुर में मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग रहा था, लेकिन बीजेपी का आलाकमान इस्तीफा न देने पर अड़ा रहा, नतीजा ये हुआ कि एन बीरेन सिंह कुर्सी पर जमे रहे. मणिपुर में हिंसा होती रही, हालात बद से बदतर होते गए लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बदला.

8 फरवरी को दिल्ली जीतने के बाद 9 फरवरी को एन बीरेन सिंह ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और इसके चंद घंटे के बाद ही मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया. वो इस्तीफा स्वीकृत भी हो गया है, लिहाजा अब बीजेपी के आलाकमान को नया मुख्यमंत्री भी चुनना है. मणिपुर का मुख्यमंत्री चुनना इसलिए भी अभी मुश्किल है, क्योंकि अगर मुख्यमंत्री मैतेई समुदाय का हुआ तो कुकी नाराज, अगर कुकी समुदाय का हुआ तो मैतेई नाराज और अगर कोई तीसरा हुआ तो फिर ये दोनों समुदाय नाराज.

अभी हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में बीजेपी किसी की भी नाराजगी मोल नहीं ले सकती है. ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री से ज्यादा मुश्किल काम मणिपुर के मुख्यमंत्री का नाम तय करना है.

 

यह भी पढ़ें:-
हिंदू धर्म से बाहर होंगे राहुल गांधी महाकुंभ की धर्म संसद में फैसला!

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button