पाकिस्तान में छिड़ेगा गृहयुद्ध! इस राज्य ने नहीं माना शहबाज सरकार का आदेश, क्या एक्शन लेगी PAK आर्मी?

<p style="text-align: justify;"><strong>KP CM Ali Amin Gandapur :</strong> पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत ने संघीय सरकार की निर्वासन नीति को ‘दोषपूर्ण’ करार दिया और ऐलान किया कि किसी भी अफगान शरणार्थी को क्षेत्र से ‘जबरन’ निर्वासित नहीं किया जाएगा. यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया जब देश के अन्य भागों में सरकारी निर्देश पर शरणार्थियों को बाहर निकालने के लिए अभियान शुरू हो चुका है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शरीफ सरकार ने 31 मार्च तक वापस लौटने की तय की थी सीमा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने अफगान नागरिक कार्ड (ACC) धारकों सहित शरणार्थियों के लिए अपने देश लौटने की 31 मार्च की समय सीमा तय की थी. सरकार ने चेतावनी दी थी कि जो लोग समय सीमा के बाद भी नहीं जाएंगे, उन्हें जबरन निर्वासित किया जाएगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>मुख्यमंत्री ने शरीफ सरकार की नीति को बताया गलत</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस्लामाबाद में शुक्रवार (4 अप्रैल) को मीडिया को संबोधित करते हुए <a title="इमरान खान" href="https://www.toplivenews.in/topic/imran-khan" data-type="interlinkingkeywords">इमरान खान</a> के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता और केपी के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने जबरन निर्वासन के खिलाफ अपनी सरकार का संकल्प व्यक्त किया. गंडापुर ने कहा, ‘हम किसी पर दबाव नहीं डालेंगे. हालांकि, अगर कोई स्वेच्छा से अपने देश लौटना चाहता है, तो हम उसके लिए व्यवस्था करेंगे. अफगान शरणार्थियों के संबंध में संघीय सरकार की नीति दोषपूर्ण है.'</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रावलपिंडी और इस्लामाबाद में शरणार्थियों पर कार्रवाई</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस बीच, संघीय सरकार ने रावलपिंडी और इस्लामाबाद में कार्रवाई शुरू की, जिसमें 60 अफगान प्रवासियों को हिरासत में लिया गया. पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, कराची में नगर प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने शुक्रवार (4 अप्रैल) को लगभग 16,138 एसीसी धारकों को जबरन वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी और 150 से अधिक अफगानों को हिरासत में लिया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान से किया इनकार</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से समयसीमा बढ़ाने के आह्वान के बावजूद पाकिस्तान के अधिकारियों ने अपने कदम पीछे खींचने से इनकार कर दिया. सरकार ने अफगान शरणार्थियों और शरण चाहने वालों के सामूहिक प्रत्यावर्तन के बारे में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) और अन्य एजेंसियों की चिंताओं को भी खारिज कर दिया.</p>