जाति के नाम पर मिलेगी जॉब! IIT कानपुर में प्लेसमेंट एजेंसियों ने छात्रों से पूछी कास्ट | IIT Kanpur Jobs name of caste Placement agencies asked cast student


आईआईटी कानपुर (फाइल फोटो)
आईआईटी कानपुर में पिछले 5 साल में फ्री प्लेसमेंट दो गुने हो गए हैं. आईआईटी कानपुर ने फ्री प्लेसमेंट में लगातार बढ़ोतरी की है. यहां पढ़ने वाले मेधावी छात्रों का का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. इसी बीच आईआईटी कानपुर में एक विवाद भी सामने आया है. प्लेसमेंट एजेंसी की कंपनियों ने छात्रों के चयन के दौरान उनसे जाति पूछी है. इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है.
समाजवादी पार्टी के छात्र सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर इमरान ने अपने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर गणेश से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा है. सपा नेता ने ज्ञापन सौंपने के साथ ही उन्हें हिदायत दी है कि अगर भविष्य में इस तरीके की कोई बात दोबारा आती है तो छात्र सभा सड़कों पर आंदोलन करेगी.
सपा ने खड़े किए सवाल
आईआईटी के डायरेक्टर से मिलने गए समाजवादी पार्टी छात्र सभा के लोगों का कहना है कि प्लेसमेंट के दौरान आईटी कानपुर के छात्रों को कंपनियों द्वारा जो फॉर्म दिए गए. उसमें उनकी जाति संबंधी जानकारी क्यों मांगी गई. पूर्व में किसी कंपनी ने ऐसा नहीं किया है. सिर्फ छात्रों के रैंक के आधार पर उनको चुना जाता रहा है.
छात्रों के बीच पैदा किया जा रहा भेदभाव
समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि इससे छात्रों की निजता का हनन हुआ है. साथ ही इस डाटा का इस्तेमाल प्लेसमेंट प्रक्रिया के दौरान छात्रों के कार्य स्थल में उनके साथ भेदभाव पैदा कर सकता है. राष्ट्रीय छात्र सभा ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए आशंका जताई कि इस प्रक्रिया से एससी/एसटी और ओबीसी श्रेणी के छात्रों के साथ भेदभाव पैदा किया जा सकता है.
ऐसी कंपनियों को नहीं दी जानी चाहिए प्लेसमेंट
वहीं, इस पूरे मामले में छात्र सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर इमरान ने कहा कि इस तरीके की कंपनियों को प्लेसमेंट में आने की इजाजत ही नहीं दी जानी चाहिए. आईआईटी के होनहार छात्र देश की शान हैं. उनके साथ ऐसा मतभेद किया जाना अनुचित है. जातिगत प्लेसमेंट को लेकर विपक्ष ने अपना विरोध आईआईटी कानपुर पहुंचकर दर्ज किया है.