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Sri Lankan Parliament Speaker Mahinda Yapa Abhaywardene Thanks India For Helping During Economic Crisis

Sri Lanka Thanks India: पिछले साल श्रीलंका आर्थिक संकट से गुजर रहा था. इसके वजह से पूरे देश में खून-खराबे का माहौल बन चुका था. उस भारत ने आगे आकर श्रीलंका की मदद की थी. वहीं इस बात को लेकर भारत  के प्रति आभार व्यक्त करते हुए श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने कहा है भारत ने श्रीलंका को जिस तरह की मदद प्रदान की उस तरह की मदद किसी अन्य देश के तरफ से नहीं की गई.

पिछले साल श्रीलंका को भीषण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था. इस दौरान भारत ने पड़ोसी प्रथम की अपनी नीति के तहत अलग-अलग माध्यमों से कोलंबो को लगभग चार अरब डॉलर की मदद प्रदान की थी. इंडियन ट्रैवल कांग्रेस के प्रतिनिधियों के लिए शुक्रवार (6 जुलाई) को यहां आयोजित भव्य डिनर समारोह में अपने संबोधन में अभयवर्धने ने कहा कि भारत ने वित्तीय संकट के दौरान हमें बचा लिया, अन्यथा हम सभी को एक और रक्तपात का सामना करना पड़ता.

भारत को धन्यवाद दिया
महिंदा यापा अभयवर्धने ने नकदी संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को दी गई मदद के लिए भारत को धन्यवाद दिया. दोनों देशों और उनकी संस्कृतियों के बीच संबंधों और समानताओं को याद किया. अभयवर्धने ने कहा, ‘‘श्रीलंका और भारत सांस्कृतिक, राष्ट्रीय और नीतिगत रूप से बहुत करीब से जुड़े हुए देश हैं. भारत श्रीलंका का एक बहुत करीबी सहयोगी और भरोसेमंद दोस्त रहा है. जब भी हम मुसीबत में पड़े भारत ने हमेशा मदद की.’’

उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि भारत हमारे कर्जो के पुनर्गठन को 12 सालों के लिए बढ़ाने को तैयार है. कभी ऐसी उम्मीद नहीं थी और न ही इतिहास में भी किसी देश ने इस तरह की सहायता दी है.

भारत के राजदूत करीबी दोस्त
अभयवर्धने ने श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले, श्रीलंका के पर्यटन और भूमि मंत्री हरिन फर्नांडो और श्रीलंका सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में भारत की तारीफ की. श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष ने बागले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यहां आपके(भारत के) राजदूत हमारे बहुत करीबी दोस्त हैं. हम उनसे प्यार करते हैं और उनका सम्मान करते हैं.

पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में अभयवर्धने ने कहा कि संकट के समय में भारत हमेशा श्रीलंका की सहायता के लिए आगे आया है. उन्होंने पिछले साल नयी दिल्ली के तरफ दी गई वित्तीय सहायता पर जोर दिया जब द्वीपीय राष्ट्र आर्थिक उथल-पुथल में फंसा था. उन्होंने कहा कि इससे हमें संकट के बीच छह महीने तक जीवित रहने में मदद मिली.

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