यूपी में बिछने लगी विधानसभा उपचुनाव की बिसात, पल्लवी पटेल ने किया बड़ा ऐलान | UP Assembly By Election 2024 apna dal kameravadi Pallavi Patel PDM contest all 10 seats


अपना दल (कमेरावादी) की शीर्ष नेता पल्लवी पटेल
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए सियासी बिसात बिछने लगी है. अपना दल (कमेरावादी) ने सबसे पहले इन चुनावों के लिए सियासी कवायद तेज करते हुए बड़ा ऐलान किया है. अपना दल (कमेरावादी) की शीर्ष नेता एवं विधायक डॉ. पल्लवी पटेल ने प्रयागराज में PDM (पिछड़ा-दलित-मुसलमान) गठबंधन के घटक दलों की बैठक की और उपचुनाव के लिए अपनी पार्टी के एजेंडे का ऐलान कर दिया.
सभी सीटों पर उपचुनाव लड़ेगा PDM
प्रयागराज में पीडीएम की इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. पल्लवी पटेल की अपना दल कमेरावादी, एआईएमआईएम और प्रगतिशील मानव समाज पार्टी भी इस बैठक में शामिल हुई. बैठक में यह तय किया गया कि यूपी उपचुनाव के सभी 10 सीटों पर पीडीएम की तरफ से प्रत्याशी उतारे जाएंगे.
पल्लवी पटेल ने क्या कहा?
पल्लवी पटेल ने कहा, ‘बीते लोकसभा चुनाव के दौरान आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए पीडीएम गठबंधन बनाया गया था. लोकसभा चुनाव की तीसरे चरण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बने पीडीएम गठबंधन ने कम समय में ही 28 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. अब पूरी तैयारी और दमखम के साथ यूपी उपचुनाव के सभी 10 सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे.’
2027 विधानसभा चुनाव पर PDM का फोकस
पीडीएम का फोकसअभी से ही आगामी पंचायत चुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी पर है. इस बैठक में प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद्र बिंद, एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली, अपना दल कमेरावादी के राष्ट्रीय सचिव दिलीप पटेल, प्रदेश अध्यक्ष राम शीला पटेल, राष्ट्रीय सचिव लालचंद बिंद, अजय पटेल, गगन प्रकाश यादव, उमेश पटेल, प्रदेश अध्यक्ष राजेश पटेल, पूर्वांचल अध्यक्ष इसरार अहमद समेत सभी पार्टियों के पदाधिकारी मौजूद रहे.
लोकसभा में इन 3 सीटों पर उतारे थे उम्मीदवार पर…
अपना दल कमेरावादी ने लोकसभा चुनाव में तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था लेकिन बाद में उन्होंने घोषित उम्मीदवारों की लिस्ट वापस ले ली थी. अपना दल (कमेरावादी) ने यूपी की मिर्जापुर, फूलपुर और कौशांबी सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया था, लेकिन बाद में पार्टी ने किसी वजहों से अपना फैसला वापस ले लिया था. बताया जा रहा है कि सपा के साथ उनके संबंध बिगड़ गए थे.