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Fatehpur Sikri Loksabha Seat: फतेहपुर सीकरी सीट पर क्या फिर खिलेगा कमल, या विपक्ष मारेगा बाजी? | Fatehpur Sikri Lok Sabha constituency Profile BJP opposition alliance india BSP elections 2024

Fatehpur Sikri Loksabha Seat: फतेहपुर सीकरी सीट पर क्या फिर खिलेगा कमल, या विपक्ष मारेगा बाजी?

Fatehpur Sikri Lok Sabha Seat

ताज नगरी के नाम से मशहूर आगरा जिला अपने मुगल स्थापत्य कला के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. मुगल शासनकाल के दौर में आगरा जिले में पड़ने वाले फतेहपुर सीकरी क्षेत्र की अपनी विशिष्ट पहचान हुआ करती थी. यहां बुलंद दरवाजा के साथ-साथ कई मुगलकालीन स्मारकों और शेख सलीम चिश्ती की दरगाह स्थित हैं. यही नहीं फतेहपुर सीकरी मुगल बादशाह अकबर की राजधानी हुआ करता था. फिलहाल जिले के तहत दो संसदीय सीटें पड़ती हैं जिसमें फतेहपुर सीकरी सीट भी शामिल है. यहां पर भी भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है.

फतेहपुर सीकरी संसदीय क्षेत्र के तहत बाह विधानसभा सीट पड़ती है जो बाबा बटेश्वरनाथ मंदिर के लिए काफी प्रसिद्ध है. यह क्षेत्र कभी डाकुओं के लिए कुख्यात हुआ करती थी. यहीं पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का बचपन भी गुजरा है. इस संसदीय सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आगरा रूरल (बेबी रानी मौर्य), फतेहपुर सीकरी, बाह, फतेहाबाद और खेरागढ़ आती हैं. इसमें फतेहाबाद, खेरागढ़ और बाह विधानसभा सीट पहले तब की रही फिरोजाबाद संसदीय सीट में पड़ती थे, जबकि फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र पहले आगरा लोकसभा क्षेत्र में आता था. इन सभी 5 विधानसभा सीटों पर 2022 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी.

2019 का चुनाव, राज बब्बर का क्या रहा

5 साल पहले 2019 में फतेहपुर सीकरी सीट पर हुए लोकसभा चुनाव में कड़ा मुकाबला हुआ था. भारतीय जनता पार्टी ने राजकुमार चाहर को मैदान में उतारा जिनके जवाब में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साझा उम्मीदवार श्री भगवान शर्मा (बीएसपी) तथा कांग्रेस की ओर से सिने स्टार राज बब्बर थे. राजकुमार चाहर को चुनाव में 64 फीसदी से ज्यादा वोट मिले. उनके खाते में 667,147 वोट आए तो राज बब्बर को 1,72,082 वोट ही मिले. श्री भगवान शर्मा को 1,68,043 वोट मिले. 3 उम्मीदवारों को चुनाव में एक लाख से अधिक वोट मिलने के बाद भी राजकुमार ने 4,95,065 मतों के अंतर से जीत हासिल की.

तब के चुनाव में फतेहपुर सीकरी संसदीय सीट पर कुल वोटर्स की संख्या थी 16,60,405 थी जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 9,11,166 थी तो महिला वोटर्स की संख्या 7,49,180 थी. इसमें से कुल 10,37,151 (63.1%) वोटर्स ने वोट डाले थे. मैदान में राज बब्बर के उतरने के बाद भी NOTA के पक्ष में 10,692 (0.6%) वोटर्स की ओर से वोट डाले गए थे.

संसदीय सीट का इतिहास

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट के राजनीतिक इतिहास को देखें तो इस सीट का इतिहास पुराना नहीं है. साल 2008 में परिसीमन के बाद फतेहपुर सीकरी सीट अस्तित्व में आया और यहां पर साल 2009 में पहली बार चुनाव कराया गया. इस चुनाव में बीएसपी ने पहली जीत के साथ अपना खाता खोला था. बीएसपी के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय ने तब कांग्रेस के राज बब्बर को हराया था. बीजेपी तीसरे स्थान पर रही थी.

साल 2014 के चुनाव में मोदी लहर में यह सीट भी बीजेपी के खाते में आ गई. बीजेपी के उम्मीदवार बाबूलाल चौधरी ने बीएसपी की उम्मीदवार और सांसद सीमा उपाध्याय को 1,73,106 मतों से अंतर से हराया था. तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी रही थी. प्रदेश की राजनीति के चर्चित चेहरों में से एक अमर सिंह राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन वह चौथे नंबर पर रहे थे. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी को फिर यहां से जीत मिली और राजकुमार चाहर ने 4,95,065 मतों के अंतर से चुनाव जीता था. बीजेपी की नजर अब जीत की हैट्रिक पर लगी है.

फतेहपुर सीकरी का जातिगत समीकरण

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर 2019 के चुनाव के समय करीब सवा 3 लाख लोग क्षत्रिय वोटर्स थे जबकि 2.50 लाख से अधिक ब्राह्मण वोटर्स, करीब 2 लाख जाट वोटर्स, पौने 2 लाख लोधी वोटर्स के अलावा 1.40 लाख के करीब जाटव वोटर्स थे. कुशवाहा और वैश्य के वोटर्स के साथ-साथ मुस्लिम वोटर्स भी मजबूत स्थिति में हैं.

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